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Corn flour in Hindi Meaning : कॉर्नफ्लोर क्या है? फायदे & नुकसान

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कॉर्नफ्लोर क्या होता है ? मीनिंग इन हिंदी – Corn flour Meaning in Hindi

दुनिया में कई तरह के अनाज उगाये जाते हैं, जोकि अलग – अलग तरह से उपयोग किये जाते हैं. जिसके विभिन्न फायदे भी होते हैं. आज हम ऐसे ही एक अनाज के स्टार्च रूप के बारे में बात करने जा रहे हैं, जिसका उपयोग कई तरह के खाद्य पदार्थों को बनाते समय किया जाता है और वह काफी फायदेमंद भी होता हैं. उस अनाज का नाम मक्का है और यहाँ हम मक्का के स्टार्च रूप यानि मक्के के आटे (कॉर्नफ्लोर) की बात करने जा रहे हैं. तो आइये जानते हैं मक्के के आटे के उपयोग एवं उसके फायदे के बारे में-

कॉर्नफ्लोर के उपयोग – कॉर्नफ्लोर किससे बनता है?

कॉर्नफ्लोर का उपयोग मुख्य रूप से रसोईघर में किया जाता हैं, लेकिन इसके साथ ही साथ यह कुछ बीमारियों के लिए मेडिकल थेरेपी के रूप में भी उपयोग होता है. इस उत्पाद का उपयोग कहाँ – कहाँ किया जाता है, इसके बारे में जानकारी इस प्रकार है –

  • आपके रसोई घर में कॉर्नफ्लोर का उपयोग कटलेट, कोफ्ता या इसी तरह के कुछ डीप फ्राइड फूड बनाते समय इसे बांधने के लिए किया जाता है.
  • इसके अलावा जब आप कोई सॉस, स्टेव और सूप बनाते हैं, तब उसे गाढ़ा करने के लिए भी कॉर्नफ्लोर का उपयोग किया जाता है.
  • जब आप दूध को गाढ़ा कर कुछ बनाना चाहते हैं, किन्तु दूध पतला होने के कारण वह जल्दी गाढ़ा नहीं हो पाता हैं, तब आप उस समय दूध में थोड़ा सा कॉर्नफ्लोर घोल कर मिला सकते हैं. ऐसे करने से दूध को गाढ़ा करने में मदद मिलती हैं. इससे कई स्वादिष्ट व्यंजन जैसे आइसक्रीम आदि घर पर बनाये जा सकते हैं.
  • यह आमतौर पर पाउडर चीनी में एक एंटीकैकिंग एजेंट के रूप में शामिल किया जाता है. इसे अरारोट का सब्सटीट्यूट भी कहा जा सकता है.
  • कॉर्नस्टार्च का उपयोग बेकिंग के पहले फलों को कोट करने के लिए भी किया जा सकता है, जिससे आप उससे पाई, टार्ट और अन्य डिजर्ट बना सकते हैं. कॉर्नस्टार्च की पतली परत फलों के रस के साथ मिश्रित होती है, और फिर इसे बेक करती है.
  • कॉर्नस्टार्च को एक एंटी-कैकिंग एजेंट के रूप में भी उपयोग किया जाता है. कटा हुआ पनीर को अक्सर कॉर्नस्टार्च के पतले से घोल के साथ लपेटा जाता है ताकि जब इसे सेंका जाए तो यह बिखरे नहीं. और इससे पनीर अच्छी तरह से और एक सा सिक जाता है.
  • खाने के व्यंजनों के अलावा कॉर्नफ्लोर या कॉर्नस्टार्च का उपयोग बेबी पाउडर में भी किया जाता है. कॉर्नस्टार्च का उपयोग बायोप्लास्टिक्स एवं एयरबैग के निर्माण में भी किया जा सकता है.
  • इसके साथ ही चिकित्सा में भी कोर्नस्टार्च का उपयोग होता है, दरअसल कोर्नस्टार्च या कॉर्नफ्लोर प्राकृतिक लेटेक्स से बने मेडिकल उत्पादों जिसमें कंडोम्स, डायाफ्राम और मेडिकल ग्लव्स शामिल है. में एक पसंदीदा एंटी – स्टिक एजेंट होता हैं.
  • ग्लाइकोजन स्टोरेज डिजीज वाले लोगों के लिए ब्लड शुगर के स्तर को बनाये रखने के लिए कॉर्नफ्लोर उपयोगी होता हैं, क्योंकि इसमें ग्लूकोस की सप्लाई को सक्षम करने के गुण मौजूद होते है. इसका उपयोग 6 से 12 महीने की उम्र में शुरू किया जा सकता है, जिससे ग्लूकोस के उतार – चढ़ाव को रोका सकता है.

 

कॉर्नफ्लोर के फायदे (Benefits of Cornflour in Hindi) 

  • कॉर्नफ्लोर में ग्लूटेन नहीं होता है, और इसका उपभोग केवल वे लोग करते हैं, जो गेंहू और इसके उत्पाद जैसे मैदा और सूजी को स्टोक करके रखने में असमर्थ होते हैं. उनके लिए यह अच्छा विकल्प है.
  • मूल रूप से कॉर्नफ्लोर में विशेष प्रकार का पॉलीफेनोल्स एंटीओक्सिडेंट होता हैं. जोकि आपके शरीर की सूजन को कम करके आपके स्वास्थ्य के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देता है.
  • आश्चर्य की बात यह है, कि इसमें फाइबर की मात्रा अच्छी होती है. प्रत्येक बड़ी चम्मच में लगभग 1 ग्राम फाइबर मौजूद होता है. जोकि एक वयस्क मानव शरीर के लिए बहुत आवश्यक होता है. इसी तरह से इसमें प्रोटीन भी अधिक मात्रा में होता है.
  • इसमें मौजूद अघुलनशील फाइबर जैसे ऐमिलोस, सेल्यूलोस और लिग्निन के कारण यह पाचन क्रिया को आसान कर देता हैं, जोकि आँतों के लिए लाभकारी होता है.

 

कॉर्नफ्लोर से होने वाले नुकसान (Effects of Cornflour in Hindi)

कॉर्नफ्लोर एक ऐसा उत्पाद हैं जिसके फायदे के साथ – साथ कई सारे नुकसान भी है, जोकि इस प्रकार है –

  • ऑर्गेनिक रूप में उगाये गये कॉर्न जिसको आटा बनाने के लिए उपयोग किया जाता है, उसमें पर्याप्त मात्रा में फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट और रेसिस्टेंट स्टार्च होता है, जो शरीर के विभिन्न भागों के सुचारू रूप से संचालन करने में मददगार होता है. किन्तु अधिकतर बाजार में उपयोग किये जाने वाले कॉर्न जेनेटिकली रूप से संशोधित किये जाते हैं, और साथ ही उस पर खतरनाक कीटनाशकों के छिड़काव भी किये जाते हैं. जोकि मानव शरीर के लिए बिलकुल भी अच्छा नहीं होता है. एक शोध से पता चला हैं कि यह सभी फ्रक्टोस कॉर्न सिरप में अधिक होता हैं, जोकि कैंसर, फैटी लीवर, हाई कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज जैसी बीमारियों से जुड़े हैं.
  • इसे जब जेनेटिकली रूप से संशोधित किया जाता हैं, तो काफी हद तक इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्वों के अवशोषण की प्रक्रिया प्रभावित होती है. यह फ़ाइटिक एसिड में उच्च होता है, जो शरीर को आवश्यक पोषक तत्वों को अवशोषित करने और उसका उपयोग करने से रोकता है.
  • कॉर्नफ्लोर में बहुत अधिक कैलोरीज एवं कार्बोहाइड्रेट होता है, जोकि वजन कम करने के लिए बाधा उत्पन्न करता है. इसमें अधिक मात्रा में कार्बोहाइड्रेट होने के कारण यह डायबिटीज के मरीज के शरीर में ब्लड ग्लूकोस के स्तर को तुरंत बढ़ा देता है, जो बाद में फैट में परिवर्तित हो जाता है. इसलिए यह डायबिटीज एवं मोटापा की बीमारी वाले लोगों के लिए वजन कम करने वाली डाइट में शामिल नहीं किया जाता है.
  • कॉर्नफ्लोर का अधिक मात्रा में उपयोग होने से यह आपके शरीर में एलडीएल को बढ़ा सकता हैं जोकि एक खराब कोलेस्ट्रॉल होता है. यदि यह आपके शरीर में ऑक्सीडाइज्ड हो जाता है तो यह एथेरोस्क्लेरोसिस का कारण बन सकता है. साथ ही इसका अधिक उपयोग करने से हृदय सम्बंधित समस्याएं भी हो सकती हैं.

 

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