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Essay on Air Pollution in Hindi वायु प्रदूषण निबंध, वायु प्रदूषण क्या है? वायु प्रदूषण के कारण & निवारण

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वायु प्रदूषण निबंध, वायु प्रदूषण क्या है? वायु प्रदूषण के कारण & निवारण Essay on Air Pollution in Hindi

शायद कभी किसी ने सोचा भी ना होगा कि ये प्रकृति जो इस धरती पर जीवनदायिनी है, वहीं पर ऐसी स्थिति हो जायेगी कि खुली स्वच्छ हवा में सांस लेना भी मुश्किल हो जायेगा.
वायु और जल दोनों प्रकृति वो अनमोल उपहार हैं, लिए धरती पर रहने वाले प्रत्येक प्राणी को उसका शुक्रगुजार होना चाहिए.
आज के समय में हालात ऐसे आ गए हैं कि जब में आने वाले 50 सालों बाद का नज़ारा देखने की कोशिश करता हूँ तो रूह सी काँप जाती है.
जो लोग आज प्रॉफिट और पावर के लिए लड़ रहे हैं, आने वाले समय में वही लोग शुद्ध हवा के लिए लड़ेंगे.
 
क्या समय आ गया है….हम फिर से व्ही आ गए, जहाँ से हमने शुरू किया था.
आधुनिकता तो सिर्फ मात्र एक दिखावा है, असलियत तो अब जाकर पता चली कि जिस प्रकृति का हम नाश कर रहे हैं, वो भी सिर्फ अपने स्वार्थ और लालच के लिए, उसका परिणाम बहुत ही भयंकर है.
 
वायु प्रदूषण
क्या ये कोई ऐसा शब्द है जिसको आप पहली बार सुन रहे हैं….शायद नहीं.
हमने प्रदूषण के कई रूपों के बारे में सूना होगा जैसे जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण आदि.
जब कोई अवांछनीय पदार्थ या गैस, वायु में मिलकर उसकी गुणवत्ता को हानि पहुंचाती है और उसको विषैला कर देती है, तो इसे वायु प्रदूषण कहते हैं.
वायु में ऐसे जहरीले रासायनिक पदार्थों का मिल जाना, जो वायु की गुणवत्ता के साथ-साथ सजीवों के स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव डालता है, वायु प्रदूषण कहलाता है.
 
वातावरण में बढ़ते हुए ग्लोबल वार्मिंग और ओज़ोन परत का हास जैसी गंभीर समस्याओं के पीछे भी वायु प्रदूषण ही है.
जब वायु मंडल में कार्बनडाई ऑक्साइड की मात्रा बहुत बढ़ जाती है तो वातावरण के तापमान में भी स्वतः वृद्धि होने लगती है, जो ग्लोबल वार्मिंग का रूप लेकर प्रकृति के बैलेंस को बिगाड़ता है.

 

वायु प्रदूषण के कारण – Best Essay on Air Pollution in Hindi/ वायु प्रदूषण निबंध
 

 
वायु प्रदूषण के कारणों को जानने के लिए इसको दो भागों में विभक्त किया जाता है. एक तो “मानव निर्मित”, जो मनुष्य द्वारा की गयी गतिविधियों से होता है और दूसरा “प्राकृतिक स्रोत”, जो प्रकृति में ही कुछ कारक जो प्रदूषण को बढ़ावा देते हैं.
 
मानव निर्मित कारण
1). बड़े-बड़े पावर प्लांटों की चिमनियों से अंधा-धुंध धुंआ
2). परिवहन के सभी साधनों जैसे हवाई जहाज, रेलगाड़ी, कार, बस आदि से पूरे शहरों में दिन-रात निकलने वाला धुआं और कार्बन.
 
3). समुद्री जहाजों, लड़ाकू विमानों आदि बहुत ही ज्यादा मात्रा में गैस उत्सर्जित करते हैं, जो बहुत ज्यादा वायु को दूषित करता है.
4). घरों में उपयोगी चूल्हा, बड़ी-बड़ी भट्टियां, लकड़ियां जलाना या जंगलों को खाली करने के लिए उनमें आग लगाना इत्यादि भी इसके कारक हैं.
5). जमीन से तेल निकलना और इसके लिए औद्योगिक गतिविधियां
6). पेंट, वार्निश, एरोसोल स्प्रे और अल्प विलायकों से निकलने वाला धुंआ भी वायु को दूषित करता है
7). सेना के परमाणु हथियार, टॉक्सिक गैस, राकेट, मिसाइलें आदि भारी मात्रा में वायु प्रदूषण के स्रोत हैं
 
8). खेतों में उपयोग में लाये जाने वाले खादों से अमोनिया गैस निकलती है, जो जहरीली गैस होती है.
9). कारखानों और फैक्ट्रियों से लगातार भारी मात्रा में कार्बनमोनो ऑक्साइड, हाइड्रोजन, आर्गेनिक कंपाउंड और रसायन निकलते हैं, जो वायु की क्वालिटी को बहुत ज्यादा प्रभावित करते हैं.
 
वायु प्रदूषण के प्राकृतिक स्रोत
1). बंजर भूमि से लगातार उड़ने वाली धुल और मिटटी
2). दुधारू पशु भोजन के बाद मल त्यागने से मीथेन गैस उत्सर्जित होती है.
3). पृथ्वी की ऊपरी परत के नष्ट होने पर धरती के अंदर से रेडियोधर्मी गैसों का स्राव होना.
4). अचानक से जंगलों में लगी आग से निकलने वाला धुंआ और कार्बनमोनो ऑक्साइड वायु को दूषित करते हैं.
5). ज्वालामुखी विस्फोट से क्लोरीन, सल्फर और बहुत सी बारीक राख उत्पन्न होती है, जो काफी वायु प्रदूषण करती है.
Best Essay on Air Pollution in Hindi/ वायु प्रदूषण निबंध
 
प्रदूषक तत्व
वायु में जब कुछ ऐसे गंदे पदार्थ मिल जाते हैं, जो मानव सहित पेड़-पौधों और जानवरों का भी स्वास्थ्य खराब कर सकते हैं और वायु को दूषित बनाते हैं, प्रदूषक तत्व कहलाते हैं.
ये तत्व वायु में प्राकृतिक और मानव निर्मित दोनों ही कारणों से आ सकते हैं.
ज्वालामुखी से निकलने वाली राख, गाड़ियों से निकलने वाली कार्बनमोनो ऑक्साइड आदि सभी प्रदूषक तत्व ही तो हैं.
 
मानव की गतिविधियों से उत्पन्न हुए वायु प्रदूषक तत्व
1). लकड़ी, कोयला आदि जैसे ईंधनों को आधा-अधूरा जलाने से कार्बन की मात्रा में वृद्धि
2). एयर कंडीशनर से निकलने वाली क्लोरो फ्लोरो कार्बन गैस, जो ओज़ोन परत के लिए खतरनाक होती है.
3). खेतों में उपयोगी खाद से निकलने वाली अमोनिया गैस.
4). नालों, सीवर और औधौगिक कचरों से निकलने वाली गंध भी प्रदूषक है.
 
5). रेडियोधर्मी प्रदूषक, जो परमाणु विस्फोट और युद्ध की मिसाइलों से निकलते हैं.
6). ताम्बा, जस्ता आदि धातुओं के जलने पर विषाक्त गैसें प्रदूषक के रूप में निकलती हैं.
 
वायु प्रदूषण का स्वास्थ्य पर प्रभाव
 

 
1). विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों की तरफ चलें, तो प्रत्येक वर्ष 2 से 4 लाख लोह सीधे वायु प्रदूषण के कारण ही मरते हैं.
2). बर्मिघम विश्वविद्यालय की रिपोर्ट के अनुसार, मोटर गाड़ियों से निकलने वाला धुंआ निमोनिया जैसी घातक बीमारी को जन्म देता है, जो लोगों को मृत्यु के मुँह में धकेलती है.
3). इतनी मौतें परिवहन दुर्घटनाओं से नहीं होतीं, जितनी वायु प्रदूषण से होती है.
 
4). हार्ट अटैक और अस्थमा जैसी बीमारियां होना आम बात है.
5). भारत के भोपाल राज्य में फैक्ट्री से रसायन के रिसाव के कारण 1984 में 2000 से भी ज्यादा लोग मारे गए.
6). सांस में परेशानी, खांसी तथा हृदय की बीमारियां जैसे अब तो आमबात है.
Best Essay on Air Pollution in Hindi/ वायु प्रदूषण निबंध
 
वायु प्रदूषण के पर्यावरणीय प्रभाव
1). लगातार बढ़ती कार्बनडाई ऑक्साइड की मात्रा.
2). वातावरण के तापमान में वृद्धि.
3). वर्षा का अभाव और सूखे की स्थिति
4). ग्रीनहाउस गैसों से ओज़ोन परत का क्षय.
5). पेड़-पौधों में प्रकाश- संश्लेषण की धीमी गति.
Air Pollution in English
 
वायु प्रदूषण से बचाव के उपाय
1). ज्यादातर लोग जब भी बाहर जाते हैं, तो खुद के वाहनों से जाना ज्यादा पसंद करते हैं और शहरों में तो वाहनों की इतनी भीड़ देखकर अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि हर दिन हम कितना ज्यादा वायु को दूषित कर रहे हैं.
लोगों को ज्यादातर पब्लिक ट्रांसपोर्ट जैसे सरकारी बसें, ट्रैन, मेट्रो आदि का इस्तेमाल करना चाहिए.
 
2). बिजली ऊर्जा का बचाव करना एक बेहतर उपाय है. बिजली को बनाने में बड़ी मात्रा में fossil fuels को जलाना पड़ता है, जो वायु को दूषित करता है.
3). सोलर एनर्जी के उपयोग को बढ़ावा देना चाहिए, क्योंकि ये एक साफ़-सुथरी ऊर्जा का अक्षय भण्डार है, जिसके उपयोग से वायु प्रदूषण नहीं होता.
 
4). फैक्ट्री और कारखानों में आधुनिक और तकनीकी का प्रयोग करें. पुरानी तकनीक से कार्य से ऊर्जा बर्बाद होती है और गन्दा waste material भी ज्यादा निकलता है.
5). वनों और पेड़-पौधों का ज्यादा से ज्यादा रोपण किया जाना चाहिए, ताकि शुद्ध ऑक्सीजन और वातावरण शुद्धमय हो.
6). खेतों में उर्वरक खाद की बजाय, जैविक खाद का उपयोग करें.
7). वृक्षों के कटान पर रोक.
8). जनसंख्या नियंत्रण
 

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