Loo Lagna in Hindi : लू क्या है? लू लगने पर क्या करें
गर्मियों के इस मौसम में लू चलना आम बात है। “लू” लगना गर्मी के मौसम की बीमारी है।
लू किसे कहते है Loo Lagna in Hindi
“लू” लगने का प्रमुख कारण शरीर में नमक और पानी की कमी होना है। पसीने की “शक्ल” में नमक और पानी का बड़ा हिस्सा शरीर से निकलकर खून की गर्मी को बढ़ा देता है। सिर में भारीपन मालूम होने लगता है, नाड़ी की गति बढ़ने लगती है, खून की गति भी तेज हो जाती है। साँस की गति भी ठीक नहीं रहती तथा शरीर में ऐंठन-सी लगती है। बुखार काफी बढ़ जाता है। हाथ और पैरों के तलुओं में जलन-सी होती रहती है। आँखें भी जलती हैं। इससे अचानक बेहोशी व अंततः रोगी की मौत भी हो सकती है।
Loo Lagne ka Ilaj in Hindi लू लगने पर क्या करें
१. इमली की गूदे को हाथ पैरों के तलवों पर मलने से लू का असर खत्म हो जाता है तथा इमली का पानी भी पिये।
२. छह – सात कच्चे आम (अमियां) उबाल लें या राख में सेंक कर भून लें। फिर इन्हें कुछ देर ठंडे पानी में रखें। ठंडा हो जाने पर छिलका उतार कर जितने ग्लास पना बनाना हो उतना पानी लें। फिर उबले आमों का गूदा पानी में हाथों से निकालकर पानी में अच्छी तरह घोल लें। तत्पश्चात थोड़ा सा गुड़, धनियां, नमक व काली मिर्च डालकर पने को तैयार करें। यह पना दिन में तीन से चार बार पीने से रोगी को तुरंत आराम मिल जाता है।
३. लू लगने पर प्याज के रस से कनपटियों और छाती पर मालिश करें, जल्दी आराम मिलेगा।
४. आलू बुखारे को गर्म पानी में डाल कर रखें और उसी पानी में मसल लें। इसे भी आम के पने की तरह बना कर पीने से लू लगने से होने वाली जलन और घबराहट खत्म हो जाती है।
५. धनियां के पानी में चीनी मिला कर पीने से लू का असर कम होता है।
लू से बचने के उपाय Loo Ka Upchar in Hindi
६. लू लगने से रोगी को तेज बुखार चढ़ता है। इसके लिए इमली को उबाल कर उसे छान लें और शर्बत की तरह पियें। इमली को उबालकर उस पानी में तौलिया भिगो कर उसके छींटे मारने से रोगी को लू में बहुत आराम मिलता है।
७. भुने हुए प्याज को पीस कर उसमें जीरे का चूर्ण और मिश्री मिलाकर खाने से लू से राहत मिलती है।
८. इमली को भिगो कर उसका पानी पीने से लू अपना असर नहीं दिखा पाती है।
९. तुलसी के पत्तों का रस चीनी में मिलाकर पीने से लू नहीं लगती है।
१०. रोजाना खाने के साथ कच्चा प्याज खाने से लू नहीं लगती है। इसलिए जमकर प्याज खाइए और लू को दूर भगाइए।
११. बेल का ज्यूस तथा अधिक से अधिक तरल पदार्थ खुब पियें।
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इस ब्लॉग के निर्माता हिमांशु सक्सैना हैं जो बुलन्दशहर जिले के निवासी हैं | इन्हें अपनी मातृ भाषा हिन्दी से काफी प्रेम है इसलिये इन्हे हिन्दी में लिखने का शोक भी है | लोगो के दिमाग में आज भी यही बात जुबान पर रहती है कि जो कुछ भी है वो इंग्लिश से है, इस बात को गलत साबित करने के उद्देश्य से ही इन्होने इस ब्लॉग का निर्माण किया है |
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