क्या बिना दवा के उच्च रक्तचाप को प्रबंधित करना संभव है(Is it possible to manage high blood pressure without medication)
लगभग 33% शहरी और 25% ग्रामीण भारतीयों को उच्च रक्तचाप है। उच्च रक्तचाप एक वैज्ञानिक शब्द है जिसका उपयोग उच्च रक्तचाप को संबोधित करने के लिए किया जाता है। कुछ बीमारियों के कारण कोलेस्ट्रॉल धमनियों पर जमा हो जाता है और उनके लुमेन को संकुचित कर देते हैं जिससे उनके दीवार पर दबाव बढ़ जाता है। यह हानिकारक है; अनियंत्रित धमनी फट सकती है और आसपास के क्षेत्र को नुकसान पहुंचा सकती है जैसे कि स्ट्रोक के कारण मस्तिष्क में होता है।
आज के समय में भी केवल 25% ग्रामीण और 42% शहरी भारतीय ही अपने उच्च रक्तचाप की स्थिति के बारे में जानते हैं। इनमें से केवल 25% ग्रामीण और 38% शहरी भारतीय उपचार की मांग कर रहे हैं। ग्रामीण इलाकों में दसवीं और शहरी आबादी के एक-तिहाई लोगों का बीपी नियंत्रण में है। वह कैसे काम करता है? क्या डेटा समर्थन करता है कि दवा के बिना भी उच्च रक्तचाप को नियंत्रित किया जा सकता है? चलिए पता करते हैं –
हाई बीपी (उच्च रक्तचाप) क्या है? (What is High Blood Pressure?)
जब व्यक्ति असंतुलित आहार-विहार का सेवन करता है तो कफ व मेद की वृद्धि हो जाती है। कफ और मेद धमनियों में स्थान संश्रय कर धमनियों में कठिनता उत्पन्न करता है और वायु रक्त संवहन की प्रक्रिया को प्रतिकूल गति प्रदान कर रक्तचाप को बढ़ा देती है।
हाई बीपी (उच्च रक्तचाप) के कारण (High Blood Pressure Causes in Hindi)
उच्च रक्तचाप असंतुलित जीवनशैली और आहार के कारण तो होता ही है लेकिन ये भी कारण होते हैं-
-ब्लड प्रेशर हाई होने का प्रमुख कारण मोटापा होता है। मोटे व्यक्ति में बी.पी. बढ़ने का खतरा आम व्यक्ति से ज्यादा होता है।
-शारीरिक श्रम न करना। जो लोग व्यायाम, खेल-कूद और कोई भी शारीरिक क्रिया नहीं करते और आरामतलब जीवन जीते हैं, उन्हें रक्तचाप की समस्या हो सकती है।
-जो व्यक्ति शुगर, दिल के रोग, किडनी के रोगों से ग्रसित होते हैं एवं जिनकी रक्त धमनियां कमजोर होती हैं उनमें रक्तचाप उच्च हो जाता है।
-ज्यादा नमकीन खाद्य पदार्थों का सेवन करने से।
-पिज्जा, बर्गर, चाऊमिन, मोमोज आदि खाने से बी.पी. बढ़ जाता है।
-जो व्यक्ति धूम्रपान और शराब का अधिक सेवन करते हैं।
-प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिला को भी बी.पी. बढ़ने की समस्या होती है।
हाई बीपी में किन चीजों से करना चाहिए परहेज(What should be avoided in high BP)
नमक कम खाएं
कॉफी और चाय का सेवन कम से कम करें।
डिब्बा बंद खाद्य पदार्थ, नमकीन, बिस्किट, चिप्स या कोई भी पैक्ड फूड ना खाएं।
स्मोकिंग और शराब से दूर रहें।
पिज्जा, बर्गर आदि ना खाएं।
खाना खाते समय अपने भोजन में नमक ऊपर से ना डालें, सलाद में भी नमक ना डालें।
चटनी, आचार, अजीनोमोटो और सॉस से दूरी बनाकर रखें।
कम फैट वाला खाना खाएं, जैसे पूरियां, पराठों से दूरी बनाकर रखें।
सोते वक्त बीपी कम होता है इसलिए नींद पूरी लें।
गुस्से से दूर रहिए, कोशिश करिए की तनाव भरे माहौल से दूर रहें। इसके लिए आप मेडिटेशन और योग का सहारा भी ले सकते हैं।
हाई बीपी का घरेलू उपचार(High BP Home Remedies)
हाई बीपी या हाइपरटेंशन से पीडि़त व्यक्ति के लिए अदरक का सेवन लाभकारी है। इसके सेवन के लिए आप एक इंच अदरक के टुकड़े को एक कप पानी में उबालें। अब करीबन पांच मिनट के लिए गैस को धीमा करें और उसके बाद पानी को छानकर हल्का ठंडा होने दें और फिर उसका सेवन करें।
एक गिलास गर्म पानी में तीन चम्मच सेब का सिरका मिलाकर उसका सेवन करें। आप इस मिश्रण को दिन में एक बाद पी सकते हैं।
एक गिलास गर्म पानी में आधा नींबू निचोड़कर उसका सेवन करें। अगर आप नींबू पानी के साथ−साथ थोड़ी एक्सरसाइज भी करते हैं तो इससे आपको जल्द और इफेक्टिव रिजल्ट मिलेगा।
हाई बीपी से पीडि़त व्यक्ति को दालचीनी को अपनी डाइट का हिस्सा बनाना चाहिए। आप दालचीनी पाउडर को अपने खाने में शामिल कर सकते हैं।
दिन में एक कप कॉफी या ग्रीन टी भी रक्तचाप को नियमित करने में मददगार है।
1 हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से बचने के लिए लहसुन की 2 कलियों को सुबह खाली पेट पानी के साथ चबाकर खाना चाहिए। अगर चबाने में परेशानी हो तो लहसुन के रस की 5-6 बूंद को भी 20 मिली पानी में मिलाकर पी सकते हैं।
2 मेथी और अजवाइन के पानी का इस्तेमाल भी हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए फायदेमंद हो सकता है। इसके लिए एक चम्मच मेथी और अजवाइन पाउडर को पानी में भिगोकर रख दें और फिर सुबह इस पानी को पी लें।
3 हाई ब्लड प्रेशर से राहत पाने के लिए त्रिफला का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। इसके लिए 20 ग्राम त्रिफला को पानी में भिगा कर रातभर के लिए रख दें, फिर सुबह इस पानी को छानकर उसमें 2 चम्मच शहद मिलाकर पीएं।
इस ब्लॉग के निर्माता हिमांशु सक्सैना हैं जो बुलन्दशहर जिले के निवासी हैं | इन्हें अपनी मातृ भाषा हिन्दी से काफी प्रेम है इसलिये इन्हे हिन्दी में लिखने का शोक भी है | लोगो के दिमाग में आज भी यही बात जुबान पर रहती है कि जो कुछ भी है वो इंग्लिश से है, इस बात को गलत साबित करने के उद्देश्य से ही इन्होने इस ब्लॉग का निर्माण किया है |
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