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Kabaddi Essay in Hindi : कबड्डी खेल पर निबंध

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What is Kabaddi Game in Hindi?

Kabaddi is a team sport from South Asia.

Two teams are on opposite halves of a small field. They take turns sending a “raider” into the other half. This is to win points by tackling members of the opposing team. Then the raider tries to return to his own half. He holds his breath and chants the word “Kabaddi” during the whole raid. The raider must not cross the lobby unless he touches any of his opponents. If he does not touch anyone then he will be “out”. There is also a bonus line. If the raider touches it and returns to his side of the field, he will get extra points.

कबड्डी क्या है? कबड्डी के नियम

कबड्डी एक खेल है, जो मुख्य रूप से भारतीय उपमहाद्वीप में खेली जाती है। कबड्डी नाम का प्रयोग प्राय: उत्तर भारत में किया जाता है, इस खेल को दक्षिण में चेडुगुडु और पूरब में हु तू तू के नाम से भी जानते हैं। यह खेल भारत के पड़ोसी देश नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका और पाकिस्तान में भी उतना ही लोकप्रिय है। तमिल, कन्नड और मलयालम में ये मूल शब्द, (கை-பிடி) “कै” (हाथ), “पिडि” (पकडना) का रूपान्तरण है, जिसका अनुवाद है ‘हाथ पकडे रहना’। कबड्डी, बांग्लादेश का राष्ट्रीय खेल है।

साधारण शब्दों में इसे ज्यादा अंक हासिल करने के लिए दो टीमों के बीच की एक स्पर्धा कहा जा सकता है। अंक पाने के लिए एक टीम का रेडर (कबड्डी-कबड्डी बोलने वाला) विपक्षी पाले (कोर्ट) में जाकर वहां मौजूद खिलाडियों को छूने का प्रयास करता है। इस दौरान विपक्षी टीम के स्टापर (रेडर को पकड़ने वाले) अपने पाले में आए रेडर को पकड़कर वापस जाने से रोकते हैं और अगर वह इस प्रयास में सफल होते हैं तो उनकी टीम को इसके बदले एक अंक मिलता है। और अगर रेडर किसी स्टापर को छूकर सफलतापूर्वक अपने पाले में चला जाता है तो उसकी टीम के एक अंक मिल जाता और जिस स्टापर को उसने छुआ है उसे नियमत: कोर्ट से बाहर जाना पड़ता है।

कबड्डी मैदान का माप

इसका कोर्ट डॉज बॉल गेम जितना बड़ा होता है। कोर्ट का माप 13 मीटर गुणा 10 मीटर होता है। कोर्ट के बीचोबीच एक लाइन खिंची होती है जो इसे दो हिस्सों में बांटती है। कबड्डी महासंघ के हिसाब से कोर्ट का माँप १३ मीटर गुणा १० मीटर होता है।

कबड्डी खेलने का तरीका & नियम

खिलाडियों के पाले में आने के बाद टॉस जीतने वाली टीम सबसे पहले अपना खिलाड़ी (रेडर) विपक्षी पाले में भेजती है। यह रेडर कबड्डी-कबड्डी बोलते हुए जाता है और विपक्षी खिलाडियों को छूने का प्रयास करता है। इस दौरान वह इस बात का पूरा ख्याल रखता है उसकी सांस ना टूटे। सांस टूटने की स्थिति में उसे भागकर अपने पाले में लौटना होता और जब तक वह सांस रोके रखकर कबड्डी-कबड्डी बोल सकता है, वह अपनी चपलता का उपयोग कर विपक्षी खिलाडियों (स्टापरों) को छूने का प्रयास कर सकता है। इस प्रक्रिया में अगर वह विपक्षी टीम के किसी भी स्टापर को छूने में सफल होता है तो उस स्टापर को मरा हुआ (डेड) समझ लिया जाता है। ऐसे में उस स्टापर को कोर्ट से बाहर जाना पड़ता है। और अगर स्टापरों को छूने की प्रक्रिया में रेडर अगर स्टापरों की गिरफ्त में आ जाता है तो उसे मरा हुआ (डेड) मान लिया जाता है। यह प्रक्रिया दोनों टीमों की ओर से बारी-बारी चलती रहती है।

इस तरह से हर दल का खिलाड़ी बारी बारी से क्रम बदलते रहते हैं और अंत में जिसके दल में सब्से ज्यादा सदस्य बचे रह जाते हैं उस दल को विजेता घोषित कर दिया जाता है।

कबड्डी खेल की अवधि

यह खेल आमतौर पर 20-20 मिनट के दो हिस्सों में खेला जाता है। हर हिस्से में टीमें पाला बदलती हैं और इसके लिए उन्हें पांच मिनट का ब्रेक मिलता है। हालांकि आयोजक इसके एक हिस्से की अवधि 10 या 15 मिनट की भी कर सकते हैं। हर टीम में 5-6 स्टापर (पकड़ने में माहिर खिलाड़ी) व 4-5 रेडर (छूकर भागने में माहिर) होते हैं। एक बार में सिर्फ चार स्टापरों को ही कोर्ट पर उतरने की इजाजत होती है। जब भी स्टापर किसी रेडर को अपने पाले से बाहर जाने से रोकते हैं उन्हें एक अंक मिलता है लेकिन अगर रेडर उन्हें छूकर भागने में सफल रहता है तो उसकी टीम को अंक मिल जाता है।

मैचों का आयोजन उम्र और वजन के आधार पर किया जाता है, परंतु आजकल महिलाओं की भी काफी भागेदारी हो रही है।

पूरे मैच की निगरानी सात लोग करते हैं: एक रेफ़री, दो अंपायर, दो लाइंसमैन, एक टाइम कीपर और एक स्कोर कीपर।

पिछले तीन एशियाइ खेल में भी कबड्डी को शामिल करने से जापान और कोरिया जैसे देशों में भी कबड्डी की लोकप्रियता बढ़ी है।
कबड्डी की प्रमुख प्रतियोगिताएँ
एशियाई खेलों में कबड्डी
एशिया कबड्डी कप
प्रो कबड्डी लीग
कबड्डी विश्व कप
महिला कबड्डी विश्व कप
यूके कबड्डी कप
विश्व कबड्डी लीग

कबड्डी का विश्व कप सबसे पहले 2004 में खेला गया था। उसके बाद 2007 और 2010 और 2012 में हुआ। अभी तक भारत सभी में विजेता रहा है।

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