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Diwali Ki Puja Kaise Kare: दिवाली पूजा विधि इन हिंदी

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Diwali Puja Kaise Karen in Hindi दीपावली की पूजा विधि बताइए-

दीपावली पर सबसे बड़ा काम होता है महालक्ष्मी पूजन की विधिवत तैयारी। यहां हम आपके लिए लाए हैं लक्ष्मी पूजन तैयारी की सरल लेकिन प्रामाणिक विधि।
सबसे पहले चौकी पर लक्ष्मी व गणेश की मूर्तियां रखें उनका मुख पूर्व या पश्चिम में रहे।

लक्ष्मीजी, गणेशजी की दाहिनी ओर रहें।

पूजनकर्ता मूर्तियों के सामने की तरफ बैठें।

कलश को लक्ष्मीजी के पास चावलों पर रखें।

नारियल को लाल वस्त्र में इस प्रकार लपेटें कि नारियल का अग्रभाग दिखाई देता रहे व इसे कलश पर रखें। यह कलश वरुण का प्रतीक है।

दो बड़े दीपक रखें। एक घी का, दूसरा तेल का। एक दीपक चौकी के दाईं ओर रखें व दूसरा मूर्तियों के चरणों में। एक दीपक गणेशजी के पास रखें।

मूर्तियों वाली चौकी के सामने छोटी चौकी रखकर उस पर लाल वस्त्र बिछाएं।

कलश की ओर एक मुट्ठी चावल से लाल वस्त्र पर नवग्रह की प्रतीक नौ ढेरियां बनाएं।

गणेशजी की ओर चावल की सोलह ढेरियां बनाएं। ये सोलह मातृका की प्रतीक हैं। नवग्रह व षोडश मातृका के बीच स्वस्तिक का चिह्न बनाएं।

इसके बीच में सुपारी रखें व चारों कोनों पर चावल की ढेरी।

सबसे ऊपर बीचोंबीच ॐ लिखें। छोटी चौकी के सामने तीन थाली व जल भरकर कलश रखें।

थालियों की निम्नानुसार व्यवस्था करें- 1. ग्यारह दीपक, 2. खील, बताशे, मिठाई, वस्त्र, आभूषण, चन्दन का लेप, सिन्दूर, कुंकुम, सुपारी, पान, 3. फूल, दुर्वा, चावल, लौंग, इलायची, केसर-कपूर, हल्दी-चूने का लेप, सुगंधित पदार्थ, धूप, अगरबत्ती, एक दीपक।

अब विधि-विधान से पूजन करें।

आज के शुभ चौघडिये-

सुबह 8-18 बजे से 9-39 बजे तक शुभ का चौघडिया

दोपहर 12-22 बजे से 1-44 बजे तक चर का चौघडिया

दोपहर 1-44 बजे से 3-05 बजे तक लाभ का चौघडिया

दोपहर 3-05 बजे से 4-27 बजे तक अमृत का चौघडिया

शाम 5-49 बजे से 7-27 बजे तक लाभ का चौघडिया

रात 9-06 बजे से 10-44 बजे तक शुभ का चौघडिया

रात्री 10-44 बजे से 12-23 बजे तक अमृत का चौघडिया

मध्यरात्रि 12-23 बजे से 2-01 बजे तक चर का चौघडिया

रात्रि के अंत में 5-18 बजे से 6-57 बजे तक लाभ का चौघडिया

कैसे करें ऑफिस में लक्ष्मी पूजा-

व्यवसाय को बढ़ाने तथा सुख-समृद्धि के साथ अपना कारोबार बढ़ाने के लिए दीपावली (Dipawali) के दिन लक्ष्मी जी और गणेशजी की पूजा विधिपूर्वक अवश्य करनी चाहिए. दीपावली पर ऑफिस (Diwali Puja at office) तथा घर में लक्ष्मी पूजा की विधि में थोड़ा- सा ही अंतर होता है. यह अंतर मात्र वस्तुओं के उपलब्ध होने और ना होने पर ही आधारित है। दीपावली के दिन लक्ष्मी जी की पूजा चाहे घर पर करनी हो या मंदिर में या ऑफिस (Diwali Puja at Office in Hindi) में विधि एक ही होती है, इसमें बहेद मामूली अंतर ही होता है.

ऐसे करें लक्ष्मी पूजन-

लक्ष्मी पूजा के लिये उत्तर-पूर्व दिशा के कोने को अच्छे से साफ करके वहां पर लकड़ी का पाटा बिछाएँ। कुछ लोग उस जगह की दिवार को सफेद या हल्के पीले रंग से रंगते हैं। इसके लिये खड़िया या सफेद मिट्टी का इस्तेमाल किया जाता है। इससे पूजा स्थल की ऊर्जा में बढ़ोतरी होती है।

लकड़ी का पाटा बिछाने के बाद उस पर लाल कपड़ा बिछाएं और लक्ष्मी जी, गणेश जी और कुबेर जी की स्थापना करें। ध्यान रहे कि लक्ष्मी जी की मूर्ति को श्री गणेश के दाहिने हाथ की तरफ स्थापित करना चाहिए। इस प्रकार मूर्ति स्थापना के बाद पूजा स्थल को फूलों से सजाएं। साथ ही पूजा के लिये कलश या लोटा उत्तर दिशा की तरफ रखें और दीपक को आग्नेय कोण, यानी दक्षिण-पूर्व की तरफ रखें। इस प्रकार मूर्ति स्थापना के बाद पूजा स्थल को फूलों से सजाएं। साथ ही पूजा के लिये कलश या लोटा उत्तर दिशा की तरफ रखें और दीपक को आग्नेय कोण, यानी दक्षिण-पूर्व की तरफ रखें। लक्ष्मी पूजा में फल-फूल और मिठाई के साथ ही पान, सुपारी, लौंग इलायची और कमलगट्टे का भी बहुत महत्व है। इसके अलावा धनतेरस के दिन आपने जो भी सामान खरीदा हो, उसे भी लक्ष्मी पूजा के समय पूजा स्थल पर जरूर रखें और उसकी पूजा करें।

माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के तमाम तरीके हैं। वेदों और महापुराणों में कई मंत्र उल्लेखित हैं लेकिन दीपावली में माता लक्ष्मी का आगमन अपने घर में या व्यावसायिक प्रतिष्ठान में कराना होता है। इसका उल्लेख श्री सूक्त के ऋग्वैदिक श्री सूक्तम के प्रथम ही श्लोक में है।

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