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Yeast in Hindi Meaning: खमीर क्या है? फायदे & कहाँ मिलता है?

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खमीर क्या है What is Yeast in Hindi Meaning?

यीस्ट (Yeast) जिसे आम बोलचाल की भाषा में खमीर (Khameer) भी कहा जाता है, मुख्यत: खाद्य पदार्थों में उपयोग किया जाता है. यीस्ट (Yeast) खाद्य पदार्थ को फुलाने के काम में आता है, यह एक तरह की फंजाई है जो चीजों को फरमेन्ट करने के काम आती है. ताजा यीस्ट को आप आसानी से घर पर बना सकते हैं. लेकिन सूखा यीस्ट जिसे इंस्टेंट ड्राय एक्टिव यीस्ट (Instant Dry Active Yeast) कहते हैं, वह एक प्रकार की रासायनिक प्रक्रिया से तैयार किया जाता है.

यीस्ट (Yeast) का प्रयोग प्राचीन काल से होता आ रहा है, अंग्रेजी के शब्द “यीस्ट” की उत्पत्ति ही संस्कृत शब्द “यास” से हुई है. साथ ही इसे खमीर भी कहा जाता है. बेकरी यीस्ट (Bakery Yeast), कम्प्रेस्ड फ्रेश यीस्ट (compressed fresh yeast), सूखा खमीर (Dry Yeast) इत्यदि नामों से जाना जाता है. खमीर को विज्ञान की भाषा में कवक भी कहा जाता है.

व्यापार का यीस्ट दो प्रकार का होता है, एक शुष्क और दूसरा संपीडित। यीस्ट को मकई के आटे या स्टार्च के साथ मिलाकर टिकिया बनाई जाती है और तब उसे सुखाया जाता है। यही शुष्क यीष्ट है। इस रूप में यीस्ट निष्क्रिय या प्रसुप्त रहता है और बहुत काल तक सुरक्षित रखा जा सकता हैं। उपयुक्त पदार्थो के साथ मिलाने से यह सक्रिय हो जाता है और तब इससे काम लिया जाता है। संपीडित यीस्ट में प्रर्याप्त स्टार्च और आर्द्रता रहती है। इससे किणवन अल्प समय में होता है। यह यीस्ट अधिक समय तक सुरक्षित नहीं रखा जा सकता है। सुरक्षित रखने के लिये किसी ठंढे स्थान में रखना आवश्यक होता है।

कुछ व्यक्ति अपने काम के लिये स्वयं अपना यीस्ट तैयार करते है। इसके लिये अनाज के दानों, विशेषत: जौ के दानों को पानी में भिंगाकर रखते हैं। इससे दाने अंकुरने लगते हैं। अंकुरने के बाद उसमें लैथ्क्टक अम्ल बनानेवाला बैक्टीरिया मिलाकर, अम्लीय बनाते हैं। अम्लीय बनाने का उद्देश्य उसे सड़ने से रोका होता है। इस प्रकार से प्राप्त पदार्थ यीस्ट के आहार का काम देता है। अब इसमें यीस्ट बीज डालकर किणवन के लिये छोड़ देते हैं। ताप स्थिर रखते हैं। इससे किणवन जल्द संपन्न होता है। अब उसे फिल्टर प्रेस में छानकर अलग रखते हैं। उसमें स्टार्च मिलाकर, दबाकर बड़ी बड़ी टिकिया बनाते हैं। इसके काटने से छोटी छोटी टिकियाँ प्राप्त होती हैं। अब स्टार्च के स्थान में मकई के आटे का व्यवहार होने लगा है।

यीस्ट और खमीर का उपयोग Uses of Yeast

यीस्ट कोशिकाएं उर्जा प्राप्त करने के लिए भोजन को पचाती हैं, इनका पसंदीदा भोजन शर्करा है, ये हर तरह की शर्करा जैसे सुक्रोस, फ्राक्टोस, ग्लूकोस, मालटोस है. यीस्ट अपना भोजन खाने की प्रकिर्या में हमारे लिए कई उत्पाद बनती है जिससे बेकरी उत्पाद स्वादिष्ट बनते हैं, यीस्ट ये उत्पाद आटे के लिक्विड में छोड़ देती है. यीस्ट मुख्यतः कार्बोन डा य ऑक्साइड और ईथायिल अल्कोहल बनती है. बेकरी उत्पाद के आटे में से कार्बन डा य ऑक्साइड गैस के बुलबुले निकल नहीं पाते, क्यों की यह आटा लचीला होता है. इस बढती हुयी गैस के कारण खमीर का आता फूलता जाता है. इसे ही खमीर उठाने की प्रकिर्या कहतें हैं,

घर में बने खमीर से ब्रेड के लिये आटा लगायें –

एक छोटी कटोरी घर में बने खमीर से 2 1/2 कप ( 300 ग्राम) मैदा को गूथने में काम लाया जा सकता है. मैदा को किसी बर्तन में छान कर निकाल लीजिये. छानी हुई मैदा के बीच में जगह बना लीजिये, इस जगह में ताजा खमीर, 2 टेबल स्पून तेल, 1 छोटी चम्मच चीनी, 1/2 छोटी चम्मच नमक डालकर, मिला लीजिये. 2/3 कप पानी गुनगुना कीजिये, गुनगुने पानी की सहायता से मैदा को चपाती से भी ज्यादा मुलायम गूथिये, गुथे मैदा को 5-7 मिनिट तक उलट, पलट कर, पटक कर गूथते रहिये, खमीर उठाने के लिये मैदा को बार बार दोहरा करके गूंथना चाहिये ताकि रबड़ जैसा खिंचाव पैदा हो जाय. लगभग पांच-छ्ह मिनट तक आटा गूंथने से आटे में चिकनापन और खिंचाव पैदा हो जाता है. इसका अर्थ है कि मैंदा में ग्लूटोन आ चुका है. ग्लूटोन आने के बाद मैदा हाथ से नहीं चिपकती, गुथी हुई मैदा छूने में बहुत ही नरम और चिकनी लगती है.

गुथी तैयार मैदा को किसी गहरे बर्तन में तेल लगाकर, अच्छी तरह टावल से या क्लिंज फिल्म से ढककर, गरम जगह पर रख दीजिये. गुथी हुई मैदा लगभग 4 घंटे में फूल कर दुगनी हो जाती है, यानि कि मैदा में खमीर बन गया है, मैदा का आटा ब्रेड बनाने के लिये तैयार है.

इस तैयार आटा से एक छोटी कटोरी खमीरी आटा निकाल कर फ्रिज में रख दीजिये. खमीर सात दिन तक फिर से ब्रेड के लिये आटा लगाते समय खमीर का काम करता है और इस बार ये खमीर पहले से अच्छा बनता है.

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