परिवार की परिभाषा – अर्थ व प्रकार- Essay on Importance of Family in Hindi
- एक घर में एक साथ रहने वाले दो, तीन या अधिक व्यक्तियों के एक समूह को परिवार कहते हैं।
- परिवार साधारण भाषा में पति, पत्नी और बच्चों के समूह को कहते हैं |
इस दुनिया में बिना परिवार के कोई भी व्यक्ति अधूरा होता है क्योंकि परिवार हम सभी के जीवन का एक अभिन्न अंग है। परिवार कहे जाने वाले समूह में सामाजिक प्राणी के रुप में मानव जाति को देखा जाता है। पूरे जीवनभर के दौरान परिवार बहुत महत्पूर्ण भूमिका निभाता है।
परिवार कितने प्रकार के होते हैं?
परिवार में सदस्यों की संख्या के अनुसार – छोटा परिवार, मूल परिवार, बड़ा मूल परिवार या संयुक्त परिवार होता है। एक परिवार छोटा परिवार, छोटा मूल परिवार, बड़ा मूल परिवार या संयुक्त परिवार हो सकता है। एक परिवार में बहुत सारे रिश्ते हो सकते हैं जैसे दादा-दादी, माता-पिता, पत्नी, पति, भाई, बहन, चचेरे भाई-बहन, चाचा, चाची आदि।
Parivar Kya hai? Parivar Ka Mahatva Essay in Hindi
एक सकारात्मक परिवार अपने सभी सदस्यों को ढेर सारे सुविधाएँ उपलब्ध कराता है जहां हर कोई परिवार के अंदर एक बराबर जिम्मेदारियों को बाँटता है। एक-दूसरे की खुशी और दुख में परिवार का सदस्य भावनात्मक रुप से जुड़ा होता है। वो लोग एक-दुसरे को उनके बुरे समय में मदद करते हैं जो सुरक्षा का एहसास कराते हैं। एक परिवार पूरे जीवनभर अपने सभी सदस्यों को प्यार, उत्साह और सुरक्षा प्रदान करती है जो इसे एक पूरा परिवार बनाती है। एक अच्छी और स्वस्थ परिवार, एक अच्छे समाज का निर्माण करती है और एक अच्छे समाज से ही एक अच्छे देश का निर्माण संभव हो सकता है।
मेरा परिवार पर निबंध & परिवार का महत्व : My Family Essay in Hindi
परिवार समाज की सबसे छोटी किन्तु महत्त्वपूर्ण इकाई है । माता-पिता तथा उनके बच्चों को मिला कर के एक परिवार बनता है । परिवार का जीवन में बहुत महत्व है। एक बच्चा परिवार की छत्र-छाया में ही बड़ा होता है। वह प्रेम के महत्व को समझता है और रिश्तों से बंधता है। ये रिश्ते जहाँ उसे प्रसन्नता देते हैं, वहीं उसे ज़िम्मेदारी का अहसास भी कराते हैं। परिवार में रहकर ही वह जीवन के छोटे-बड़े अनुभव पाता है। परिवार ही उसे सामाजिक बनाता है। परिवार के साथ रहकर वह दुख के समय को भी सरलता से पार कर जाता है।
- परिवार एक इंसान को बड़ा करता है और एक पूर्ण मानव जाति में विकसित करता है।
- ये सुरक्षा और प्यारा वातावरण उपलब्ध कराता है जो हमारी खुशी और समस्याओं को बाँटने में मदद करता है।
- ये व्यक्ति को सामाजिक और बौद्धिक बनाता है।
- परिवार में रहने वाला व्यक्ति अकेले रहने वाले इंसान से ज्यादा खुश रहता है।
- बाहरी विरोधों से ये सुरक्षा प्रदान कराता है।
- एक परिवार समाज और देश के लिये खुश, सक्रिय, जल्दी सीखने वाला और बेहतर नयी पीढ़ी उपलब्ध कराती है।
एक परिवार एक व्यक्ति को भावनात्मक और शारीरिक रुप से शक्तिशाली, ईमानदार और आत्मविश्वासी बनाती है।
संयुक्त परिवार के कुछ लाभ:
- ये जीने का एक बेहतर तरीका उपलब्ध कराते हैं जो उचित वृद्धि के लिये अत्यधिक योगदान करता है।
- संयुक्त परिवार न्यायसंगत अर्थव्यवस्था के सिद्धांत का अनुसरण करती है और गुणवत्तापूर्ण अनुशासन और दूसरे सदस्यों का बोझ बाँटना सीखाती है।
- संयुक्त परिवार के सदस्यों के पास आपसी सामंजस्य की समझ होती है।
- एक बड़े संयुक्त परिवार में, बच्चों को एक अच्छा माहौल और हमेशा के लिये समान आयु वर्ग के मित्र मिलते हैं इस वजह से परिवार की नयी पीढ़ी बिना किसी रुकावट के पढ़ाई, खेल और अन्य दूसरी क्रियाओं में अच्छी सफलता प्राप्त करती हैं।
- संयुक्त परिवार में विकास कर रहे बच्चों में सोहार्द की भावना होती है अर्थात् मिलनसार तथा किसी भी भेदभाव से मुक्त होते हैं।
- परिवार के मुखिया की बात मानने के साथ ही संयुक्त परिवार के सदस्य ज़िम्मेदार और अनुशासित होते हैं।
संयुक्त परिवार में रहने के कुछ नुकसान भी होते हैं जो यहां बताए जा रहें हैं:
- संयुक्त परिवार में उचित नियमों की कमी की वजह से कई बार कुछ सदस्य कामचोर हो जाते हैं और उनकी दूसरे की कमाई पर खाने की आदत बन जाती है। वो परिवार के अन्य अच्छे और सीधे सदस्यों का शोषण करना शुरु कर देते हैं।
- कुछ मामलों में, आमतौर पर संयुक्त परिवार की ऊँची हैसियत और अधिक पैसा कमाने वाले सदस्य कम हैसियत और कम पैसा कमाने वाले सदस्य का अपमान करते हैं।
- कई बार अधिक पैसा कमाने वाले सदस्य अपने बच्चों को अच्छे और महँगे स्कूलों में पढ़ाते हैं जबकि कम आय वाले सदस्यों के बच्चों के बोझ को कभी नहीं बांटते हैं इसलिये संयुक्त परिवार के बच्चों के बीच भेदभाव की भावना आ जाती है।
- उदारता की भावना, भातृतुल्य प्यार और अकेलेपन के एहसास के असंतुलन के कारण संयुक्त परिवार में अलग होने की संभावना ज्यादा होती है।
Parivar Par Nibandh – Essay on My Family in Hindi
मेरा परिवार दुनिया का सबसे प्यारा परिवार है और समाज की एक महत्वपूर्ण इकाई है। अपने सदस्यों के लिये एक छोटा और बड़ा परिवार बहुत महत्वपूर्ण होता है और समाज की मजबूत इकाई के रुप में देखा जाता है क्योंकि कई परिवार एक साथ एक अच्छा समाज बनाती हैं। एक परिवार बच्चों के लिये पहला स्कूल बनता है जहां वो सभी संस्कृति, परंपरा और सबसे ज़रुरी आधारभूत पारिवारिक मूल्यों को सीखते हैं। परिवार में बच्चों को अच्छा व्यवहार और आदतें सीखाने में परिवार ही मुख्य भूमिका निभाता है। समाज में एक बेहतर चरित्र के व्यक्ति को बनाने में ये मदद करता है। मैं वास्तव में बहुत सौभाग्याशाली हूं कि एक छोटे प्यारे परिवार में पैदा हुआ हूं जहां मैं सब कुछ बचपन में ही सीख लेता हूं।
दरअसल, मैं 6 सदस्यों वाले मध्यम परिवार से संबंध रखता हूं (माता, पिता, दादा-दादी, मैं और मेरी बहन)। हम सभी अपने दादा-दादी की बात का अनुसरण करते हैं क्योंकि वो परिवार के मुखिया हैं। हम सच में परिवार में उनके प्रधान पद की बहुत इज्जत करते हैं और आनन्द उठाते हैं। वो एक महान इंसान हैं क्योंकि उन्होंने अपने समय में कई रोमांचक कार्य किये हैं। वो हमेशा हमारे भले के लिये सोचते हैं और हमारे लिये सही फैसला करते हैं। सभी पारिवारिक मामलों में उनका फैसला ही अंतिम होता है। वो डाइनिंग टेबल के मुख्य कुर्सी पर बैठते हैं। मेरे दादा-दादी बहुत ही शांत और दोस्ताना व्यक्ति हैं हालांकि हम में से कोई भी उनके खिलाफ जाने की कोशिश नहीं करता है। वो बहुत ही प्रभावशाली इंसान हैं प्यारी बातचीत से वो सभी का दिल जीत लेते हैं। वो बहुत बूढ़े हैं फिर भी हमारे गृहकार्यों में मदद करते हैं क्योंकि वो शिक्षक थे। जीवन में सफल होने के कई तरीकों के बारे में उन्होंने हमें सीखाया जैसे अनुशासन, समयपालन, स्वच्छता, नैतिकता, कड़ी मेहनत और निरंतरता।
मेरी दादी माँ भी एक प्यारी महिला हैं और वो हर रात हमलोगों को अच्छी कहानियाँ सुनाती हैं। मेरे पिता एक स्कूल में प्रधानाध्यापक हैं और अनुशासनप्रिय व्यक्ति हैं। वो बहुत समयनिष्ठ, समझदार और स्वाभाव से परिश्रमी हैं। उन्होंने भी हमें सिखाया है कि जब तुम समय खराब करते हो, एक दिन समय तुम्हें बरबाद कर देगा इसलिये कभी-भी अपने समय की बरबादी मत करो और इसका सही इस्तेमाल करो। मेरी माँ बहुत प्यारी हैं और बहुत साधारण गृहिणी हैं। वो परिवार के सभी सदस्यों का ध्यान देती हैं और हर दिन परिवार में एक खुशनुमा माहौल बनाए रखती हैं। वो दादा-दादी और बच्चों का खास ख्याल रखती हैं साथ ही साथ हमेशा समाज में गरीब और ज़रुरतमंद लोगों की मदद करती हैं। हमें बचपन से अपने परिवार में बड़ों की इज़्जत और प्यार करना तथा सड़क पर ज़रुरतमंद लोगों की मदद करना सिखाया गया है। मेरा प्यारा छोटा परिवार वास्तव में प्यार, देखभाल, शांति, समृद्धि और अनुशासन से भरा हुआ है।
इस ब्लॉग के निर्माता हिमांशु सक्सैना हैं जो बुलन्दशहर जिले के निवासी हैं | इन्हें अपनी मातृ भाषा हिन्दी से काफी प्रेम है इसलिये इन्हे हिन्दी में लिखने का शोक भी है | लोगो के दिमाग में आज भी यही बात जुबान पर रहती है कि जो कुछ भी है वो इंग्लिश से है, इस बात को गलत साबित करने के उद्देश्य से ही इन्होने इस ब्लॉग का निर्माण किया है |
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