What is Economics Meaning in Hindi? अर्थशास्त्र क्या है? परिभाषा, अर्थशास्त्र किसे कहते हैं !
अर्थशास्त्र सामाजिक विज्ञान की वह शाखा है, जिसके अन्तर्गत वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन, वितरण, विनिमय और उपभोग का अध्ययन किया जाता है। ‘अर्थशास्त्र’ शब्द संस्कृत शब्दों अर्थ (धन) और शास्त्र की संधि से बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ है – ‘धन का अध्ययन’। किसी विषय के संबंध में मनुष्यों के कार्यो के क्रमबद्ध ज्ञान को उस विषय का शास्त्र कहते हैं, इसलिए अर्थशास्त्र में मनुष्यों के अर्थसंबंधी कार्यों का क्रमबद्ध ज्ञान होना आवश्यक है।
अर्थशास्त्र का प्रयोग यह समझने के लिये भी किया जाता है कि अर्थव्यवस्था किस तरह से कार्य करती है और समाज में विभिन्न वर्गों का आर्थिक सम्बन्ध कैसा है। अर्थशास्त्रीय विवेचना का प्रयोग समाज से सम्बन्धित विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है, जैसे:- अपराध, शिक्षा, परिवार, स्वास्थ्य, कानून, राजनीति, धर्म, सामाजिक संस्थान और युद्ध इत्यदि।
अर्थशास्त्र है हर दौर में बेहतर भविष्य की राह
अर्थशास्त्र को एक ऐसे विषय के तौर पर देखा जा सकता है, जिसकी उपयोगिता लगभग हर क्षेत्र में होती है। सरल शब्दों में कहें तो अर्थशास्त्र समाज के सीमित संसाधनों का दक्षतापूर्ण ढंग से उपयोग करने की अनेक प्रणालियों का अध्ययन है। इसी बुनियादी नियम पर हमारी व्यावसायिक व आर्थिक इकाइयों की गतिविधियां टिकी होती हैं। अर्थशास्त्री आर्थिक आंकड़ों का विश्लेषण और विभिन्न नीतिगत विकल्पों का तुलनात्मक अध्ययन करते हैं। साथ में इनके भावी प्रभाव पर पैनी नजर रखते हैं, ताकि विकास दर पर नियंत्रण रखा जा सके। अर्थशास्त्री इसी दृष्टिकोण से काम करते हैं। इनका कार्यक्षेत्र एक छोटी कंपनी से लेकर देश की अर्थव्यवस्था जैसा बहुआयामी भी हो सकता है।
छात्र में हों ये विशेषताएं
इस विषय की पढ़ाई करने और अर्थशास्त्रमें सफल पेशेवर बनने के लिए आपमें उपलब्ध डाटा का विश्लेषण कर पाने की क्षमता का बेहतर होना जरूरी है। इसी क्रम में *मैथ्स और स्टैटिस्टिक्स की बुनियादी समझ बेहद जरूरी है। आर्थिक विषमताओं/स्थितियों को समझने-बूझने का निरीक्षण कौशल भी इसमें आगे बढ़ने के लिए जरूरी है।
अध्ययन के रास्ते हैं विविध
अर्थशास्त्र 12वीं स्तर पर एक विषय के तौर पर पढ़ाया जाता है,पर इस विषय में करियर बनाने के इच्छुक युवाओं के लिए अर्थशास्त्र से बीए (ऑनर्स) कोर्स से असली शिक्षा की शुरुआत होती है। हालांकि अर्थशास्त्र में ग्रेजुएशन के स्तर पर कई अन्य कोर्सेज भी संचालित किए जाते हैं। इनमें बीए(बिजनेस इकोनॉमिक्स), बीए(डेवलपमेंटल इकोनॉमिक्स) जैसे कोर्स का नाम लिया जा सकता है। देश के कई विश्वविद्यालयों में ये तमाम कोर्स कराये जाते हैं। अर्थशास्त्र से जुड़े विभिन्न कोर्सेज की मांग इसी बात से समझी जा सकती है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेजों में इसके ग्रेजुएट स्तर के कोर्स में प्रवेश पाने के लिए 90 फीसदी से अधिक अंक चाहिए होते हैं।
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