योग क्या है? परिभाषा – What is Yoga in Hindi
योग क्या है, यह जानने के लिए हमें इसके मूल में जाना होगा। योग शब्द की उत्पत्ति संस्कृत शब्द ‘युज’ से हुई है, जिसका अर्थ जुड़ना है।
योग के मूल रूप से दो अर्थ माने गए हैं, पहला- जुड़ना और दूसरा-समाधि। जब तक हम स्वयं से नहीं जुड़ पाते, तब तक समाधि के स्तर को प्राप्त करना मुश्किल होता है। यह सिर्फ व्यायाम भर नहीं है, बल्कि विज्ञान पर आधारित शारीरिक क्रिया है। इसमें मस्तिष्क, शरीर और आत्मा का एक-दूसरे से मिलन होता है। साथ ही मानव और प्रकृति के बीच एक सामंजस्य कायम होता है। यह जीवन को सही प्रकार से जीने का एक मार्ग है। गीता में भी श्रीकृष्ण ने कहा है कि योग: कर्मसु कौशलम यानी योग से कर्मों में कुशलता आती है।
योग के प्रकार – Types of Yoga in Hindi
1. यम – यह अनुशासन का वह साधन है, जो प्रत्येक मनुष्य के मन से सम्बन्ध रखता है । इसका अभ्यास करने से मनुष्य अहिंसा, सच्चाई, चोरी न करना, पवित्रता तथा त्याग करना सीखता है ।
2. नियम – नियम वे ढंग हैं जो मनुष्य के शारीरिक अनुशासन से सम्बन्धित हैं । शरीर तथा मन की शुद्धि संतोष, दृढ़ता तथा ईश- आराधना जैसे कि शरीर की सफाई नेति, धोती तथा बस्ती द्वारा तैयार की जाती है ।
3. आसन – मानव शरीर को अधिक से अधिक समय के लिए विशेष स्थिति में रखने को आसन कहते हैं । जैसे रीढ़ की हड्डी को बिल्कुल सीधा रखकर टांगो को किसी विशेष दिशा में रखकर बैठने को पद्मासन कहते हैं ।
4. प्राणायाम – एक स्थिर जगह पर बैठकर किसी विशेष विधि के अनुसार सांस अन्दर खींचने तथा बाहर निकालने की विधि को प्राणायाम कहते हैं ।
5. प्रत्याहार – प्रत्याहार का अर्थ मन तथा इन्द्रियों को उनकी सम्बन्धित क्रिया से हटकर परमात्मा की ओर लगाना है ।
योग का महत्व & लाभ
कुछ लोगों को अपने शरीर को इधर उधर झुकाने या अपने पैर की उंगलियों को झुकने या छूने में बहुत सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। एक बार जब कोई व्यक्ति नियमित आधार पर योग करना शुरू करता है, तो वे जल्द ही इसका प्रभाव महसूस करना शुरू कर देता है। यह जोड़ों में दर्द को हटाने में भी मदद करता है, जो कि ज्यादातर बड़े लोगों में एक आम बात है। ये लोगों को प्राकृतिक तरीकों से भी रोगों से मुक्ति दिलाता है जिससे मनुष्य अपने शरीर में काफी लचीलापन तथा फुर्ती महसूस करता है।
निष्कर्ष
हम योग से होने वाले लाभों की गणना नहीं कर सकते हैं, हम इसे केवल एक चमत्कार की तरह समझ सकते हैं, जिसे भगवान ने मानव प्रजाति को उपहार के रुप में प्रदान किया है। यह हमारी शारीरिक तंदुरुस्ती को बनाए रखता है, तनाव को कम करता है, भावनाओं को नियंत्रित रखते हुए नकारात्मक विचारों को भी नियंत्रित करता है। जिससे हममें भलाई की भावना, मानसिक शुद्धता, और आत्मविश्वास विकसित होता है। योग के अनगिनत लाभ हैं, हम यह कह सकते हैं कि योग मानवता को मिला हुआ एक ईश्वरीय वरदान है।
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