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Quarantine Meaning in Hindi : क्वारंटाइन का अर्थ क्या है? परिभाषा, मतलब

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क्वारंटाइन का अर्थ क्या है ? Quarantine Meaning in Hindi With Example

कोरोना वायरस के दुनिया में फैलने के साथ-साथ एक शब्‍द हर किसी की जुबान पर चढ़ गया। वो शब्‍द है क्‍वारंटाइन (quarantine)। आज हर कोई इसका इस्‍तेमाल कर रहा है। हालांकि कुछ लोग आज भी इसका अर्थ नहीं जानते हैं, लेकिन ये शब्‍द आज के समय में सबसे अधिक प्रचलित शब्‍दों में से एक बन चुका है। दुनिया के करोड़ों लोगों के लिए ये शब्‍द नया है। लेकिन दोस्‍तों क्‍या आपने कभी सोचा है कि आखिर ये शब्‍द कहां से आया और इसका पहली बार कब इस्‍तेमाल हुआ था। इसका जवाब हमारे पास है।

क्वारंटाइन की परिभाषा – Quarantine Meaning in Hindi Language

हम आपको इसका अर्थ समझा देते हैं। क्‍वारंटाइन दरअसल उन लोगों पर लगाए गए उस प्रतिबंध को कहा जाता है जिनसे किसी बीमारी के फैलने का खतरा होता है। ऐसे में लोगों को एक जगह पर बंद कर दिया जाता है और इस दौरान उन्‍हें किसी से मिलने-जुलने, बाहर निकलने तक की इजाजत तक नहीं होती है। इस तरह का प्रतिबंध अकसर उन बीमारियों से ग्रसित मरीजों पर लगाया जाता है जो कम्‍यूनिकेबल डिजीज होते हैं। इसका अर्थ होता है कि एक व्‍यक्ति से दूसरे व्‍यक्ति में होने वाली बीमारी। इसको मेडिकल आइसोलेशन या कॉर्डन सेनिटायर भी कहा जाता है। कॉर्डन सेनिटायर का अर्थ लोगों को एक ही सीमा के अंदर रहने की इजाजत होती है। उसके बाहर वो नहीं निकल सकते हैं। यदि ऐसे लोगों को बाहर आम लोगों की तरह ही खुला छोड़ दिया जाए तो ये हजारों लोगों तक उसबीमारी का प्रसार कर सकते हैं। ऐसे में क्‍वारंटाइन एहतियात के तौर पर किसी मरीज पर लगाया गया प्रतिबंध भी है। आपको जानकर हैरत हो सकती है लेकिन ये सच है कि ये इंसान के अलावा जानवरों पर भी लागू होता है।

कहां से आया क्‍वारंटाइन शब्‍द? Quarantine in Hindi Meaning

क्‍वारंटाइन शब्‍द दरअसल क्‍वारंटेना (quarantena) से आया है, जो वेनशियन भाषा का शब्‍द है। इसका अर्थ 40 दिन होता है। 1348-1359 के दौरान प्‍लेग से यूरोप की 30 फीसद आबादी मौत के मुंह में समा गई थी। इसके बाद 1377 में क्राएशिया (city-state of Ragus) ने अपने यहां पर आने वाले जहाजों और उन पर मौजूद लोगों को एक द्वीप पर 30 दिनों तक अलग रहने का आदेश जारी किया था। इस दौरान ध्‍यान दिया जाता था कि किसी व्‍यक्ति में प्‍लेग के लक्षण तो नहीं हैं। 1448 में इस क्‍वारंटाइन के समय को बढ़ाकर 40 दिन का कर दिया गया था। जब तक ये तीस दिनों तक था तो उसको ट्रेनटाइन कहा जाता था, जब ये 40 दिनों का हुआ तो इसको क्‍वारंटाइन कहा जाने लगा था। यहां से ही इस शब्‍द की उत्‍पत्ति भी हुई। 40 दिनों के क्‍वारंटाइन का असर उस वक्‍त साफ दिखाई दिया था और इससे प्‍लेग पर काफी हद तक काबू पा लिया गया था। उस वक्‍त प्‍लेग के रोगी की लगभग 37 दिनों के अंदर मौत हो जाती थी।

संगरोध या क्वारंटीन (Quarantine),में संक्रामक रोगों या नाशीजीवों (pest) के प्रसार को रोकने के उद्देश्य से लोगों या सामान की आवाजाही और दूसरों से घुलने-मिलने पर प्रतिबन्ध लगा दिया जाता है। संगरोध करने का उद्देश्य संक्रामक रोगों से ग्रसित अथवा संक्रामक रोगियों के सम्पर्क में आए लोगों के आवागमन को अत्यन्त सीमित करना होता है।”

क्वारंटाइन मीनिंग इन हिंदी – Quarantine Ka Matlab Hindi Mein Bataen

क्वारंटीन  लैटिन मूल का शब्द है। इसका मूल अर्थ चालीस है। पुराने समय में में जिन जहाजों में किसी यात्री के रोगी होने अथवा जहाज पर लदे माल में रोग प्रसारक कीटाणु होने का संदेह होता तो उस जहाज को बंदरगाह से दूर चालीस दिन ठहरना पड़ता था। ग्रेट ब्रिटेन में प्लेग को रोकने के प्रयास के रूप में इस व्यवस्था का आरम्भ हुआ। उसी व्यवस्था के अनुसार इस शब्द का प्रयोग पीछे ऐसे मनुष्यों, पशुओं और स्थानों को दूसरों से अलग रखने के सभी उपायों के लिये होने लगा जिनसे किसी प्रकार के रोग के संक्रमण की आशंका हो। क्वारंटीन का यह काल अब रोग विशेष के रोकने के लिये आवश्यक समय के अनुसार निर्धारित किया जाता है।

अंतर्राष्ट्रीय क्वारंटीन की जाँच बंदरगाहों, हवाई अड्डों और दो देशों के बीच सीमास्थ स्थानों पर होता है। विदेश से आनेवाले सभी जहाजों की क्वारंटीन संबंधी जाँच होती है। जाँच करनेवाले अधिकारी के सम्मुख जहाज का कप्तान अपने कर्मचारियों और यात्रियों का स्वास्थ्य विवरण प्रस्तुत करता है। जहाज के रोगमुक्त घोषित किए जाने पर ही उसे बंदरगाह में प्रवेश करने की अनुमति दी जाती है। यदि जहाज में किसी प्रकार का कोई संक्रामक रोगी अथवा रोग फैलानेवाली वस्तु मौजूद हो तो जहाज को बंदरगाह से दूर ही रोक दिया जाता है और उस पर क्वारंटीन काल के समाप्त होने तक पीला झंडा फहराता रहता है। रोग संबंधी गलत सूचना देने अथवा सत्य बात छिपाने के अपराध में कप्तान को कड़ा दंड मिल सकता है। क्वारंटीन व्यवस्था के अंतर्गत आनेवाले रोगों में हैजा, ज्वर, चेचक टायफायड, कुष्ट, प्लेग प्रमुख हैं।

वायुयान से यात्रा करनेवाले यात्रियों को अपने गंतव्य स्थान जाने तो दिया जाता है पर रोगग्रस्त व्यक्ति पर स्वास्थ्य विभाग की निगरानी रहती है ताकि रोग का संक्रमण न हो सके। अनेक देशों में कतिपय रोगों का टीका लगा लेने का प्रमाण प्रस्तुत करने पर ही प्रवेश की अनुमति दी जाती है। इस प्रकार के प्रवेश पत्र की जाँच वायुयान से उतरकर बाहर जाने के पूर्व स्वास्थ्य अधिकारी करते हैं।

रोग के संक्रमण को रोकने के निमित्त नगरों, स्थानों, मकानों अथवा व्यक्ति विशेष का भी अनेक देशों में क्वारंटीन होता है। इसके लिए प्रत्येक देश के अपने अपने नियम और कानून हैं। यूरोप और अमेरिका में जिस घर में किसी संक्रामक रोग का रोगी होता है उसके द्वार पर इस आशय की नोटिस लगा दी जाती है। कहीं कहीं रोगी के साथ डाक्टर और नर्स भी अलग रखे जाते हैं। जहाँ डाक्टर या नर्स अलग नहीं रखे जाते उन्हें विशेष सावधानी बरतनी पड़ती है।

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