हार्ट अटैक एक ऐसी जानलेवा स्थिति है कि जिसमें किसी व्यक्ति की मौत कुछ सेकंड में हो सकती हैं। इसीलिए कहा जाता है कि अगर आपको हार्ट संबंधी किसी भी लक्षण को इग्नोर नहीं करना चाहिए। स्वामी रामदेव के अनुसार हार्ट संबंधी समस्याओं को योग और कुछ घरेलू उपायों की मदद से दूर किया जा सकता है। यह आपके हार्ट को मजबूत बनाने के साथ हाई ब्लडप्रेशर की समस्या को भी दूर करने में मदद करते हैं। आइए आपको मजबूत हार्ट के लिए योगासन और सूक्ष्म प्राणायाम के बारे में बताते हैं।
कपाल भाति- रोजाना सुबह शाम कपालभाति करने से हार्ट ब्लॉकेज की समस्या को दूर किया जा सकता है।
अनुलोम-विलोम- रोजाना सुबह शाम अनुलोम विलोम करने से हार्ट को मजबूत बनाने में मदद मिलती है।
भ्रामरी-इस आसन को करने से तनाव से मुक्ति के साथ मन शांत रहेगा।
भस्त्रिका- इस प्राणायाम को रोजाना करने से हाइपरटेंशन, अस्थमा, हार्ट संबंधी बीमारी, टीवी, ट्यूमर, बीपी, लिवर सिरोसिस, साइनस, किसी भी तरह की एनर्जी और फेफड़ों के लिए अच्छा माना जाता है।
– रोज कम से कम 2 किलोमीटर पैदल चलने से ह्रदय हमेशा जवान बना रहता है !
– 20 मिनट कपालभांति और 10 मिनट अनुलोम विलोम प्राणायाम रोज सुबह एकदम खाली पेट (खाली पेट मतलब सुबह कोई लिक्विड जैसे चाय पानी आदि पिया हो तो कम से एक दो घंटे बाद करना चाहिए और कोई ठोस सामान जैसे नाश्ता या खाना आदि खाया हो तो कम से कम तीन से चार घंटे बाद प्राणायाम करना चाहिए) करने से ह्रदय निश्चित रूप से बहुत तेजी से मजबूत बनने लगता है ! पर हृदय रोगियों को प्राणायाम समेत हर एक्सरसाइज बहुत धीरे धीरे करना चाहिए और पहले ही दिन ज्यादा मात्रा में नहीं कर लेना चाहिए बल्कि धीरे धीरे अभ्यास बढ़ाना चाहिए !
– छोटी इलायची और पीपरामूल का चूर्ण घी के साथ सेवन करने से दिल मजबूत और स्वस्थ रहता है।
– दिल को मजबूत बनाने के लिए गुड़ को देशी घी में मिलाकर खाने से भी फायदा होता है।
– बिना इंजेक्शन वाली लौकी उबालकर उसमें धनिया, जीरा व हल्दी का चूर्ण तथा हरा धनिया डालकर कुछ देर पकाकर खाइए। इससे दिल को शक्ति मिलती है।
दिल मजबूत करने के उपाय(Dil Majboot Karne Ke Upay in Hindi)
आप अपने दिल की कमजोरी और हृदय से संबंधित समस्याओं (Cardiovascular) को दूर करने के लिए कुछ घरेलू उपायों की सहायता ले सकते हैं जो लंबे समय तक आपके हृदय को स्वस्थ्य और मजबूत बना सकते हैं। दैनिक जीवन (Daily Life) में उपयोग किये जाने वाले फल, हरी सब्जीयां, पौष्टिक आहार, नियमित व्यायाम और मदाक पदार्थों को त्यागना आदि आपके हृदय को मजबूत करने वाले जाने माने उपचार हैं। आप अपने हृदय को मजबूत (Strong heart) करने के लिए कुछ पूरकों (Supplements) का भी उपयोग कर सकते हैं। लेकिन इन पूरकों की गुणवत्ता अलग-अलग होती है, इसलिए इन्हें केवल प्रतिष्ठित निर्माताओं से ही खरीदें। लेकिन इस प्रकार के पूरकों के उपयोग से होने वाले साइड्इफैक्ट से बचने के लिए कुछ घरेलू उपचार भी होते हैं जिनका उपयोग करने पर किसी प्रकार के नुकसान (side effects) नहीं होते हैं। आइए इन्हें जाने।
दिल की कमजोरी दूर करने हेतु घरेलू उपचार इस प्रकार हैं(Home remedies to remove weakness of heart are as follows-)
* लौकी उबालकर उसमें धनिया, जीरा व हल्दी का चूर्ण तथा हरा धनिया डालकर कुछ देर और पकाएँ। कमजोर दिल के रोगी को इसका नियमित सेवन करने से लाभ होता है और दिल को शक्ति मिलती है।
* अच्छा पका हुआ कुम्हड़ा लेकर उसे धो लें और छिलके सहित उसके छोटे-छोटे टुकड़ काट लें। इसे अच्छी तरह सुखाकर मिट्टी के बरतन में भरकर, ढक्कन लगाकर, कपड़ा बाँधकर मिट्टी लेप दें। 20 मिनट हल्की आँच पर पकाएँ व उतारकर ठंडा होने दें, कुम्हड़े के जले टुकड़ों का चूर्ण बनाकर शीशी में बंद कर दें। दो ग्राम चूर्ण में एक ग्राम सोंठ का चूर्ण मिलाकर गर्म पानी से सेवन करें। इससे दिल की दुर्बलता व सीने का दर्द दूर होता है।
* अनार के 10 मिलीलीटर रस में 10 ग्राम पिसी मिश्री मिलाकर प्रतिदिन सुबह-शाम पीने से भी बहुत लाभ होता है।
* वंशलोचन, इलायची दाना, जहर मोहरा, खताई पिष्टी, रहरवा शमई, सतगिलोय और वर्क चाँदी, सभी समान मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें व फिर सभी को गुलाब के अके में घोटकर रख लें।
दिल को स्वस्थ रखने के लिए 5 कारगर एक्सरसाइज(5 effective exercises to keep your heart healthy)
दिल को सेहतमंद रखने के लिए बहुत जरूरी है कि हम संतुलित जीवनशैली अपनाएं और नियमित व्यायाम करें। लेकिन, आज की भागदौड़ भरी जिंदगी का सीधा असर हमारे नाजुक दिल पर पड़ता है।
नतीजा, दिल से जुड़ी बीमारियों में इजाफा हुआ है।
कम उम्र के लोगों में भी हार्ट अटैक के मामले देखने को मिल रहे हैं। एक मशहूर ह्दय रोग विशेषज्ञ का कहना है कि भगवान ने हमारा दिल 80 वर्ष की उम्र तक सही सलामत काम करने के लिए बनाया है अगर इससे पहले हमें दिल संबंधी कोई बीमारी होती है
तो इसके लिए हम और हमारी दिनचर्या जिम्मेदार है ना कि भगवान।
व्यायाम और खेलकूद स्वस्थ्य जीवन शैली के मूलाधार हैं।
इस ब्लॉग के निर्माता हिमांशु सक्सैना हैं जो बुलन्दशहर जिले के निवासी हैं | इन्हें अपनी मातृ भाषा हिन्दी से काफी प्रेम है इसलिये इन्हे हिन्दी में लिखने का शोक भी है |
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