अनुलोम विलोम के फायदे और नुकसान- Anulom Vilom Kaise Kare in Hindi me?
यदि अनुलोम विलोम का शाब्दिक अर्थ देखा जाए तो अनुलोम का अर्थ है सीधा और विलोम का है उल्टा। यहां सीधा का अर्थ नासिका यानी की नाक से है नाक का दाहिना छिद्र और उल्टे का तातपर्य है नाक के बायें छिद्र से हैं। अनुलोम-विलोम प्राणायाम का एक रूप है इसमें नाक के दाएं छिद्र से सांस खींचकर, नाक के बायें छिद्र से सांस बाहर छोड़ते हैं। यदि प्रक्रिया दूसरे के लिए भी दोहराया जाता है। अनुलोम-विलोम प्राणायाम को कुछ योगीगण नाड़ी शोधक प्राणायाम भी कहते हैं।
अनुलोम का अर्थ होता है सीधा और विलोम का अर्थ है उल्टा। यहां पर सीधा का अर्थ है नासिका या नाक का दाहिना छिद्र और उल्टा का अर्थ है-नाक का बायां छिद्र। अर्थात अनुलोम-विलोम प्राणायाम में नाक के दाएं छिद्र से सांस खींचते हैं, तो बायीं नाक के छिद्र से सांस बाहर निकालते है। इसी तरह यदि नाक के बाएं छिद्र से सांस खींचते है, तो नाक के दाहिने छिद्र से सांस को बाहर निकालते है। अनुलोम-विलोम प्राणायाम को कुछ योगीगण ‘नाड़ी शोधक प्राणायाम’ भी कहते है। उनके अनुसार इसके नियमित अभ्यास से शरीर की समस्त नाड़ियों का शोधन होता है यानी वे स्वच्छ व निरोग बनी रहती है। इस प्राणायाम के अभ्यासी को वृद्धावस्था में भी गठिया, जोड़ों का दर्द व सूजन आदि शिकायतें नहीं होतीं।
अनुलोम विलोम के चमत्कार- Benefits of Anulom Vilom in Hindi
यह लेख अनुलोम विलोम के फायदे को समर्पित है। यह सबसे बुनियादी श्वास तकनीकों मे से एक है जो श्वास समस्याओं और अस्थमा के लिए उत्कृष्ट है।
योग साँस लेने और मुद्राओं का एक मिश्रण है जो आपके शरीर को भीतर से ठीक करने और बाहर से मजबूत करने का काम करता है। प्राणायाम और आसन आपको मन को शांत करने, तनाव को कम करने, हार्मोन और विभिन्न शारीरिक प्रक्रियाओं में प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं।
अनुलोम विलोम प्राणायाम कई प्राणायाम या श्वास व्यायाम में से एक है जो हठ योग के अभ्यास में उपयोग किया जाता है। अनुलोम विलोम के लाभ जानने से पहले, आपको अनुलोम विलोम का अर्थ समझना होगा।
अनुलोम का मतलब है सीधा और विलोम का मतलब है उल्टा। अनुलोम विलोम का अभ्यास करते समय नाक के दाएं छेद से गहरी श्वास अंदर को भरते हैं, तो बायीं नाक के छेद से श्वास बाहर निकालते है। इसी तरह नाक के बाएं छेद से श्वास अंदर को भरते हैं, तो नाक के दाहिने छेद से श्वास को बाहर निकालते है।
1. अनुलोम विलोम करने से फेफड़े मजबूत होते हैं.
2. इससे बदलते मौसम में शरीर जल्दी बीमार नहीं होता.
3. अनुलोम विलोम प्राणायाम करके आप वजन कम कर सकते हैं. जी हां, यह पाचन तंत्र को दुरुस्त बनाता है, जिससे कि आप अतिरिक्त कैलोरी को भी जल्दी बर्न कर सकते हैं.
4. अनुलोम विलोम मसल्स के लिए भी अच्छा माना जाता है.
5. अनुलोम विलोम प्राणायाम तनाव या डिप्रेशन को दूर करने के लिए अच्छा है.
6. अनुलोम विलोम करने का फायदा आपके लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे दिल को भी मिलता है. यह दिल के लिए अच्छा है.
7. कई योग गुरुओं का यह भी मानना है कि अनुलोम विलोम प्राणायाम गठिया के लिए भी फायदेमंद है.
कैसे करें अनुलोम विलोम प्राणायाम स्टेप बाई स्टेप? अनुलोम विलोम कब करना चाहिए-
2. इसके बाद दाएं अंगूठे से अपनी दाहिनी नासिका पकड़ें और बाई नासिका से सांस अंदर लें लीजिए.
3. अब अनामिका अंगुली से बाई नासिका को बंद कर दें.
4. इसके बाद दाहिनी नासिका खोलें और सांस बाहर छोड़ दें.
5. अब दाहिने नासिका से ही सांस अंदर लें और उसी प्रक्रिया को दोहराते हुए बाई नासिका से सांस बाहर छोड दें.
नोट- दूसरी बार में आप जिस नासिका से सांस छोड़ रहे हैं उसी से दोबारा सांस को अंदर लेकर दूसरी नासिका से छोड़ना है.
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