HomeHealth

Elaichi Se Garbhpat Kaise Kare: इलायची से गर्भपात कैसे करें?

Like Tweet Pin it Share Share Email

अनचाहे गर्भ का कैसे करें इलायची से गर्भपात(Cardamom miscarriage how to do unwanted pregnancy)

मां बनना हर स्त्री के लिए एक सौभाग्य की बात है, लेकिन कभी कभी स्त्री, पुरूष या परिवार इस स्थिति के लिए तैयार नही होता इसके कई कारण हो सकते है, जैसे आर्थिक स्थिति सही न होना, पहले से ही एक नवजात शिशु का होना, स्त्री को कोई शारिरिक समस्या होना। कभी कभी एक कुमारी स्त्री भी परिस्थितियों के वशीभूत गर्भवती हो जाती है, ऐसे में कई बार डॉक्टर के पास जाने में या तो झिझक होती है या पैसे की कमी। गर्भ गिराने के घरेलू नुस्खे प्राचीन काल से आजमाए जा रहे है और आज हम ऐसे ही घरेलू नुस्खे की बात करेंगे-इलायची से गर्भपात कैसे करें।

लेकिन एक बात का हमेशा ध्यान रखना होगा की गर्भ गिराने के घरेलू नुस्खे 100% सुरक्षित नहीं होते है। इसके लिए बहुत सावधानी बरतने की जरूरत होती है। जब आप पूर्णरूप से सुनिश्चित हो जाए। तभी इनका प्रयोग करे क्योंकि आप इनके असर को उलटा नहीं कर सकते।

1 महीने बाद गर्भ कैसे गिराएं
एक महीने के बाद गर्भावस्था को खत्म करने के दो तरीके हैं – एक मेडिकल एबॉर्शन या एक सर्जिकल एबॉर्शन। जैसा कि नाम से पता चलता है, मेडिकल एबॉर्शन में गर्भावस्था की प्रगति को बाधित करने के लिए दवा का उपयोग किया जाता है। दवाओं का प्रयोग सबसे बेहतर है क्योंकि वे नॉन-इनवेसिव होती हैं।

सर्जिकल एबॉर्शन के बिना गर्भ गिराने के तरीके(Methods of miscarriage without surgical abortion)

गर्भावस्था को रोकने के लिए गर्भपात के अलावा कोई तरीका नहीं होता है। लेकिन सर्जिकल तरीके का उपयोग किए बिना ऐसा करना संभव है।

1. मेडिकल एबॉर्शन
इसमें भ्रूण के विकास को रोकने के लिए निर्धारित दवाओं का उपयोग किया जाता है। आमतौर पर इसके लिए मिफेप्रिस्टोन और मेथोट्रेक्सेट युक्त गोलियां लेने की सलाह दी जाती है। इनको थोड़े अंतराल के बाद एक के बाद एक लिया जाना चाहिए। इसके बाद, गर्भाशय के संकुचन शुरू होते हैं और गर्भ बाहर निकल जाता है। इसमें ब्लीडिंग होती है जो लगभग 2 सप्ताह तक जारी रह सकती है। गर्भपात की पुष्टि के लिए इस समय के दौरान आपको 3 बार अपने डॉक्टर से मिलने जाना पड़ सकता है।

2. केमिकल एबॉर्शन
इस तरीके में जाइगोट गर्भाशय की दीवार से चिपकाया जाता है क्योंकि इससे गर्भावस्था की प्रगति रुक सकती है। इस विधि में एक वजाइनल रिंग और बर्थ कंट्रोल पैच का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें गर्भाशय की डिंब के इम्प्लांटेशन को रोका जाता है। हालांकि यह तरीका सबसे अंतिम उपाय होना चाहिए।

इलायची के प्रकार (Types of cardamom):

इलायची दो तरह की होती है : छोटी इलायची और बड़ी इलायची। छोटी इलायची का इस्तेमाल मुंह की दुर्गंध दूर करने, मिठाई बनाने और व्यंजनों की खुशबू बढ़ाने में किया जाता है। जबकि बड़ी इलायची का मुख्य उपयोग मसालों के तौर पर किया जाता है। इलायची (Elaichi) के इन दोनों रूपों में आकार, रंग और स्वाद का अंतर होता है। छोटी इलायची हरे रंग की होती है वहीं बड़ी इलायची काले रंग की होती है। रंग की वजह से ही कई जगहों पर लोग इन्हें हरी इलायची और काली इलायची के नाम से भी बुलाते हैं।

एमटीपी क्या है?(What is AMTP)

एमटीपी एक दवा है जो गर्भपात कराने के लिए इस्तेमाल की जाती है। इसे आप बिना डॉक्टर की पर्ची के सीधे मेडिकल स्टोर से नहीं खरीद सकते हैं। इसके इस्तेमाल को लेकर सरकार द्वारा कानून बनाया गया है जिसे चिकित्सकीय गर्भ समापन कानून (Medical Termination of Pregnancy Act) नाम से जाना जाता है। इस कानून के अंतर्गत यह बताया गया है कि कोई भी भारतीय महिला किन परिस्थितियों में गर्भपात करवा सकती है।

कौन सी महिलाएं मेडिकल अबॉर्शन करवा सकती हैं?(Which women can get medical abortion?)

एमटीपी भारत में महिलाओं के लिए प्रजनन से जुड़ा स्वास्थ्य अधिकार है। कोई भी महिला निम्न परिस्थितियों में एमटीपी करवा सकती है।

अगर महिला का जीवन जोखिम में हैं या वो जानलेवा परिस्थितयों से गुजर रही है और इस प्रक्रिया की मदद से उसकी जिंदगी बचाई जा सकती हो।
अगर गर्भावस्था को जारी रखने से उसके मानसिक या शारीरिक स्वास्थ्य को कोई खतरा हो।
अगर शिशु में किसी भी तरह के शारीरिक या मानसिक अनियमितता का खतरा हो।
अगर महिला बलात्कार या सेक्सुअल उत्पीडन की वजह से गर्भवती हुई हो।
अगर गर्भनिरोधक के फेल हो जाने से महिला गर्भवती हुई हो।
अगर गर्भपात महिला की सहमती से हो रहा हो।

 

loading...

Comments (0)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *