उपसर्ग की परिभाषा, उपसर्ग के भेद और उदाहरण(Prefixes in Hindi)
Prefixes in Hindi – Upsarg (उपसर्ग): इस लेख में हम कुछ उपसर्गों के बारे में जानेंगे। उपसर्ग क्या होते हैं? उपसर्गों की क्या विशेषताएँ हैं? संस्कृत, हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू भाषाओं के मुख्य उपसर्ग कौन-कौन से हैं? उपसर्ग क्यों आवश्यक हैं? इन सभी प्रश्नों के बारे में इस लेख में वर्णन किया गया है। सबसे पहले उपसर्ग क्या होते हैं इस प्रश्न का हल जानेंगे –
What is Upsarg in Hindi – उपसर्ग (Upsarg) – परिभाषा, भेद और उदाहरण
उपसर्ग
उप + सर्ग = उपसर्ग
‘उप’ का अर्थ है-समीप या निकट और ‘सर्ग’ का-सृष्टि करना।
“उपसर्ग वह शब्दांश या अव्यय है, जो किसी शब्द के आरंभ में जुड़कर उसके अर्थ में (मूल शब्द के अर्थ में) विशेषता ला दे या उसका अर्थ ही बदल दे।”
जैसे-
अभि + मान = अभिमान
प्र + चार = प्रचार आदि।
उपसर्ग की तीन गतियाँ या विशेषताएँ होती हैं-
1. शब्द के अर्थ में नई विशेषता लाना।
जैसे-
प्र + बल = प्रबल
अनु + शासन = अनुशासन
2. शब्द के अर्थ को उलट देना।
जैसे-
अ + सत्य = असत्य
अप + यश = अपयश
यह जरूरी नहीं है कि एक मूल शब्द के आगे एक ही उपसर्ग लगे, कुछ ऐसे भी शब्द होते हैं जो दो उपसर्गों का एकसाथ प्रयोग करके बनते हैं।
उदाहरण देखिए –
- प्रति + उप + कार = प्रत्युपकार
- सु + सम् + कृत = सुसंस्कृत
- अन् + आ + हार = अनाहार
- सम् + आ + चार = समाचार
- अ + सु + रक्षित = असुरक्षित
- सु + सम् + गठित = सुसंगठित
- अ + नि + यंत्रित = अनियंत्रित
- अ + प्रति + अक्ष = अप्रत्यक्ष
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