अगर आपको त्वचा की सतह पर जलन का एहसास होता है और आपको अपनी त्वचा को खरोंचने का मन करता है तो उस बीमारी को खुजली कहते हैं।
तो हम आपको बता दे कि खुजली के कई कारण होते हैं जैसे कि तनाव और चिंता, शुष्क त्वचा, फंफुदीय संक्रमण, अवैध यौन संबंध के कारण, संक्रमित रोग की वजह से, अधिक समय तक धूप में रहना, औषधि की विपरीत प्रतिक्रिया, मच्छर या किसी और जंतु का दंश, या त्वचा पर फुंसियाँ, सिर या शरीर के अन्य हिस्सों में जुओं की मौजूदगी इत्यादि से आपको खुजली की समस्या (Itching Problems) उत्पन्न होती हैं ।
सावधानी बरतें
अगर आप खुजली से परेशान हैं तो सबसे पहले सावधानी के तौर पर सफ़ाई का पूरा ध्यान रखें और जब भी आपको खुजली हो, तो आप साफ़ मुलायम कपडे से उस स्थान को सहला दिजिये। परेशानिनुसार ठंडे या गरम पानी से उस स्थान को धो लें ( किसी व्यक्ति को ठंडे पानी से तो किसी व्यक्ति को गरम पानी से आराम होता है, इसलिए अपने लिये स्वयं पानी का चयन कर लें)।और हाँ साबुन जितना कम इस्तेमाल कर सकते हैं उतना कम कर लेना चाहिये ।
खुजली के लिए आयुर्वेदिक उपचार Ayurvedic Treatment
हम आपको बता दे कि खुजली वाली जगह पर चन्दन का तेल लगाने से काफी राहत मिलती है। दशांग लेप, जो की आयुर्वेद की 10 जड़ी बूटियों से तैयार किया गया है, खुजली से काफी हद तक आराम दिलाता है। नीम का तेल, या नीम के पत्तों की लेई से भी खुजली से छुटकारा मिलता है और नीम के पाउडर का सेवन करने से त्वचा के संक्रमण औरखुजली से आराम मिलता है। गंधक खुजली को ठीक करने के लिए बहुत ही बढ़िया उपचार माना जाता है। सुबह खाली पेट एलोवेरा जूस का सेवन करने से भी खुजली से छुटकारा मिलता है। नींबू का रस बराबर मात्रा में अलसी के तेल के साथ मिलाकर खुजली वाली जगह पर मलने से हर तरह की खुजली से छुटकारा मिलता है। नारियल के ताज़े रस और टमाटर का मिश्रण खुजली वाली जगह पर लगाने से भी खुजली दूर हो जाती है। शुष्क त्वचा के कारण होनेवाली खुजली को दूध की क्रीम लगाने से कम किया जा सकता है। 25 ग्राम आम के पेड़ की छाल, और 25 ग्राम बबूल के पेड़ की छाल को एक लीटर पानी में उबाल लें, और इस पानी से ग्रसित जगह पर भाप लें। जब यह प्रक्रिया हो जाए तो ग्रसित जगह पर घी थपथपाकर लगायें। खुजली बिलकुल गायब हो जाएगी।
आयुर्वेदानुसार खुजली के लिए सबसे कारगर उपाय है कैस्टर तेल की मालिश जिससे हमारी रूखी और बेजान त्वचा को नमी मिलती है।
इस ब्लॉग के निर्माता हिमांशु सक्सैना हैं जो बुलन्दशहर जिले के निवासी हैं | इन्हें अपनी मातृ भाषा हिन्दी से काफी प्रेम है इसलिये इन्हे हिन्दी में लिखने का शोक भी है | लोगो के दिमाग में आज भी यही बात जुबान पर रहती है कि जो कुछ भी है वो इंग्लिश से है, इस बात को गलत साबित करने के उद्देश्य से ही इन्होने इस ब्लॉग का निर्माण किया है |
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