What is Paropkar in Hindi? परोपकार का अर्थ हिंदी में-
परोपकार का अर्थ है दूसरों की भलाई करना। कोई व्यक्ति जीविकोपार्जन के लिए विभिन्न उद्यम करते हुए यदि दूसरे व्यक्तियों और जीवधारियों की भलाई के लिए कुछ प्रयत्न करता है तो ऐसे प्रयत्न परोपकार की श्रेणी में आते है। परोपकार के समान कोई धर्म नहीं है।
मन, वचन और कर्म से परोपकार की भावना से कार्य करने वाले व्यक्ति संत की श्रेणी में आते है। ऐसे सत्पुरुष जो बिना किसी स्वार्थ के दूसरों पर उपकार करते है वे देवकोटि के अंतर्गत कहे जा सकते है। परोपकार ऐसा कृत्य है जिसके द्वारा शत्रु भी मित्र बन जाता है। यदि शत्रु पर विपत्ति के समय उपकार किया जाए तो वह भी उपकृत होकर सच्चा मित्र बन जाता है।
भौतिक जगत का प्रत्येक पदार्थ ही नहीं, बल्कि पशु पक्षी भी मनुष्य के उपकार में सदैव लगे रहते है। यही नहीं सूर्य, चंद्र, नक्षत्र, आकाश, वायु, अग्नि, जल, पृथ्वी, फल, फूल आदि मानव कल्याण में लगे रहते है। इनसे मानव को न केवल दूसरे मनुष्यों बल्कि पशु-पक्षियों के प्रति भी उपकार करने की प्रेरणा मिलती है। असहाय लोगों, रोगियों और विकलांगों की सेवा परोपकार के अंतर्गत आने वाले मुख्य कार्य है।
परोपकार का महत्व पर निबंध Paropkar in Hindi Essay
सच्चा परोपकारी वही व्यक्ति है जो प्रतिफल की भावना न रखते हुए परोपकार करता है। गीता में भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन से कहते है कि शुभ कर्म करने वालों का न यहां, न परलोक में विनाश होता है। शुभ कर्म करने वाला दुर्गति को प्राप्त नहीं होता है।
चाणक्य के अनुसार जिन सज्जनों के हृदय में परोपकार की भावना जागृत रहती है, उनकी आपत्तियां दूर हो जाती है और पग-पग पर उन्हे संपत्ति और यश की प्राप्त होती है। तुलसीदास ने परोपकार के विषय में लिखा है –
परहित सरिस धरम नहिं भाई।
परपीड़ा सम नहिं अधमाई॥
दूसरे शब्दों में, परोपकार के समान कोई धर्म नहीं है। विज्ञान ने आज इतनी उन्नति कर ली है कि मरने के बाद भी हमारी नेत्र ज्योति और अन्य कई अंग किसी अन्य व्यक्ति के जीवन को बचाने का काम कर सकते है। इनका जीवन रहते ही दान कर देना महान उपकार है। परोपकार के द्वारा ईश्वर की समीपता प्राप्त होती है। इस प्रकार यह ईश्वर प्राप्ति का एक सोपान भी है।
भगवान सबसे बड़ा परोपकारी है जिसने हमारे कल्याण के लिये संसार का निर्माण किया। प्रकृति का प्रत्येक अंश परोपकार की शिक्षा देता प्रतीत होता है। सूर्य और चांद हमें जीवन प्रकाश देते हैं। नदियाँ अपने जल से हमारी प्यास बुझाती हैं। गाय भैंस हमारे लिये दूध देती हैं। बादल धरती के लिये झूम कर बरसता है। फूल अपनी सुगन्ध से दूसरों का जीवन सुगन्धित करते हैं।
परोपकार का फल पर कहानी Paropkar in Hindi Story
परोपकार दैवी गुण है। इंसान स्वभाव से परोपकारी है। किन्तु स्वार्थ और संकीर्ण सोच ने आज सम्पूर्ण मानव जाति को अपने में ही केन्द्रित कर दिया है। मानव अपने और अपनों के चक्कर में उलझ कर आत्मकेन्द्रित हो गया है। उसकी उन्नति रूक गयी है। अगर व्यक्ति अपने साथ साथ दूसरों के विषय में भी सोचे तो दुनिया की सभी बुराइयाँ, लालच, ईर्ष्या, स्वार्थ और वैर लुप्त हो जायें।
महर्षि दधीचि ने राजा इन्द्र के कहने पर देवताओं की रक्षा के लिये अपने प्राणों की आहुति दे दी। उनकी हड्डियों से वज्र बना जिससे राक्षसों का नाश हुआ। राजा शिवि के बलिदान को कौन नहीं जानता जिन्होंने एक कबूतर की प्राण रक्षा के लिये अपने शरीर को काट काट कर दे दिया।
परोपकारी मनुष्य स्वभाव से ही उत्तम प्रवृति का होता है। उसे दूसरों को सुख देकर आनंद महसूस होता है। भटके को राह दिखाना, समय पर ठीक सलाह देना, यह भी परोपकार के काम हैं। सामर्थ्य होने पर व्यक्ति दूसरों की शिक्षा, भोजन, वस्त्र, आवास, धन का दान कर उनका भला कर सकता है।
परोपकार करने से यश बढ़ता है। दुआयें मिलती हैं। सम्मान प्राप्त होता है।
इस ब्लॉग के निर्माता हिमांशु सक्सैना हैं जो बुलन्दशहर जिले के निवासी हैं | इन्हें अपनी मातृ भाषा हिन्दी से काफी प्रेम है इसलिये इन्हे हिन्दी में लिखने का शोक भी है | लोगो के दिमाग में आज भी यही बात जुबान पर रहती है कि जो कुछ भी है वो इंग्लिश से है, इस बात को गलत साबित करने के उद्देश्य से ही इन्होने इस ब्लॉग का निर्माण किया है |
अगर आप भी हमारे इस ब्लॉग पर अपना पोस्ट लिखना चाहते है तो आप इस लिंक =>https://hindimedunia.com/guest-post/ पर जाकर अपनी सामग्री हमे भेज सकते है | हम लोग आपका नाम के साथ आपका लिखा हुआ ब्लॉग भी पोस्ट करेंगे |
We are accepting paid Sponsorship & paid Guest posts.
Contact Us लिंक =>https://hindimedunia.com/contact-us/ पर क्लिक करके हमसे direct contact कर सकते है |
अगर आपको Hindimedunia की पोस्ट अच्छी लगे तो अपने दोस्तों को भी जरूर शेयर करें |
धन्यवाद!!!