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Child Labour in Hindi Essay : बाल श्रम पर निबंध & एक सामाजिक समस्या और समाधान

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What is Child Labour in Hindi? Essay on Child Labour in Hindi

Child labour means that children are forced to work like adults and take part in an economic activity. According to the ILO International Labour Organization this is applied to people up to age fifteen, or seventeen in case of dangerous work. Even though only about a fourth of the ILO members have ratified the respective convention, this age limit is generally accepted.

Child labour refers to the employment of children in any work that deprives children of their childhood, interferes with their ability to attend regular school, and that is mentally, physically, socially or morally dangerous and harmful.

बाल मजदूरी का अर्थ- बाल श्रम एक सामाजिक समस्या पर निबंध

बाल-श्रम का मतलब ऐसे कार्य से है जिसमे की कार्य करने वाला व्यक्ति कानून द्वारा निर्धारित आयु सीमा से छोटा होता है। इस प्रथा को कई देशों और अंतर्राष्ट्रीय संघटनों ने शोषित करने वाली माना है। अतीत में बाल श्रम का कई प्रकार से उपयोग किया जाता था, लेकिन सार्वभौमिक स्कूली शिक्षा के साथ औद्योगीकरण, काम करने की स्थिति में परिवर्तन तथा कामगारों श्रम अधिकार और बच्चों अधिकार की अवधारणाओं के चलते इसमे जनविवाद प्रवेश कर गया। बाल श्रम अभी भी कुछ देशों में आम है।

Child Labour in Hindi Essay & Speech बाल मजदूरी एक अभिशाप पर निबंध

वेश्यावृत्ति या उत्खनन, कृषि, माता पिता के व्यापार में मदद, अपना स्वयं का लघु व्यवसाय (जैसे खाने पीने की चीजे बेचना), या अन्य छोटे मोटे काम हो सकते हैं कुछ बच्चे पर्यटकों के गाइड के रूप में काम करते हैं, कभी-कभी उन्हें दुकान और रेस्तरां (जहाँ वे वेटर के रूप में भी काम करते हैं) के काम में लगा दिया जाता है। अन्य बच्चों से बलपूर्वक परिश्रम-साध्य और दोहराव वाले काम लेते हैं जैसे :बक्से को बनाना, जूते पॉलिश, स्टोर के उत्पादों को भंडारण करना और साफ-सफाई करना. हालांकि, कारखानों और मिठाई की दूकान, के अलावा अधिकांश बच्चे अनौपचारिक क्षेत्र में काम करते हैं, जैसे “सड़कों पर कई चीज़ें बेचना, पटाकों के कारखानों में, कृषि में काम करना या [बच्चों का घरेलू कार्य|घरों में छिप कर काम करना] – ये कार्य सरकारी श्रम निरीक्षकों और मीडिया की जांच की पहुँच से दूर रहते है। “और ये सभी काम सभी प्रकार के मौसम में तथा न्यूनतम वेतन के लिए किया गया था यूनिसेफ के अनुसार, दुनिया में लगभग २.५ करोड बच्चे, जिनकी आयु २-१७ साल के बीच है वे बाल-श्रम में लिप्त हैं, जबकि इसमें घरेलू श्रम शामिल नही है। सबसे व्यापक अस्वीकार कर देने वाले बाल-श्रम के रूप हैं जिनमे [बच्चों का सैन्य उपयोग] साथ ही बाल वेश्यावृत्ति . शामिल है। कम विवादास्पद और कुछ प्रतिबंधों के साथ कानूनी रूप से मान्य कुछ काम है जैसे बाल अभिनेता और बाल गायक, साथ ही साथ स्कूलवर्ष (सीजनल कार्य) के बाद का कार्य और अपना कोई व्यापार जो स्कूल के घंटों के बाद होने काम आदि शामिल है।

बाल मजदूरी क्या है? Child Labour in India in Hindi

Child labour is fundamentally different from casual work done by children, like guarding other children, or helping here and there. Child labour is forbidden in most countries. These days we see many minor boys and girls working in tea stalls, restaurants, hotels and other small shops. Some work in huge factories like brick factories. This is caused due to child labour, and the main reason why child labour occurs is poverty.

There are two kinds of work that minors can do:

Some work they do is acceptable, as it is only light, or easy to do. Children can also do it while they are well-integrated into the family. This kind of work can be done in addition to an education the children are getting. The other kind of work is difficult to do, or it is physically exhausting. It may be dangerous, the children may be required to work for long hours and in humiliating clothing.

In general the second kind of work is usually labelled child labour. Estimates are that up to 350 million children are affected by child labour, eight million of these are affected by one of the worst forms of child labour: they are child soldiers, they are forced into prostitution, they are used for child pornography, they are child slaves, debt bondage or affected by human trafficking.

There are many prejudices against child labor in the Western world: Very often such cases are known through scandals made by the mass media: In that manner, a working child is often seen as a slave, working in a sweat shop in a third world country, producing textiles, or as one of the street children in South America. The reality is different though: Such shops exist all over the world, also in countries like the United States or Italy. The fact that child labour is involved is often hidden: More than three quarters of this work is done in the sector of agriculture, or it has to do with activities done at home, in the context of the family. If child-slaves exist, they are only a minority. This form of work done by children also existed before industrialisation and globalisation, the two phenomena have made it more visible, at best.

बाल श्रम समस्या और समाधान

क्या बच्चों को काम पर रखना क़ानूनी है?

नहीं, १४ साल से कम उम्र के बच्चों को काम देना गैर-क़ानूनी है; हालाँकि इस नियम के कुछ अपवाद हैं जैसे की पारिवारिक व्यवसायों में बच्चे स्कूल से वापस आकर या गर्मी की छुट्टियों में काम कर सकते हैं l इसी तरह फिल्मों में बाल कलाकारों को काम करने की अनुमति है, खेल से जुड़ी गतिविधियों में भी वह भाग ले सकते हैं l

14-18 वर्ष की आयु के बच्चों को काम पर रखा जा सकता है (जो किशोर/किशोरी की श्रेणी में आते हैं) यदि कार्यस्थल सूची में शामिल खतरनाक व्यवसाय या प्रक्रिया से न जुड़ा हो l

यदि कोई व्यक्ति मेरे आस-पड़ोस में बच्चों से काम करवाता है, तो इस बारे में मैं क्या कर सकती हूँ ?

यदि आपने इस क़ानून का उल्लंघन होते हुए देखा है तो आप इसकी शिकायत पुलिस या मजिस्ट्रेट से कर सकती हैं l आप बच्चों के अधिकारों पर काम करने वाली सामाजिक संस्थाओं की नज़र में भी यह ला सकती हैं जो मुद्दे को आगे तक ले जा सकते हैंl एक पुलिस अधिकारी या बाल मज़दूर इंस्पेक्टर भी शिकायत कर सकते हैं l

यह अपराध संज्ञेय अपराधों की श्रेणी में आता है, यानिकी/अर्थात इस कानून का उल्लंघन करते हुए पकड़े जाने पर वारंट की गैर-मौजूदगी में भी गिरफ़्तारी या जाँच की जा सकती है l

इस क़ानून का उल्लंघन करते हुए बच्चों को काम पर रखने पर क्या सज़ा दी जा सकती है ?

कोई भी व्यक्ति जो १४ साल से कम उम्र के बच्चे से काम करवाता है अथवा १४-१८ वर्ष के बच्चे को किसी खतरनाक व्यवसाय या प्रक्रिया में काम देता है, उसे ६ महीने – २ साल तक की जेल की सज़ा हो सकती है और साथ ही २०,००० -५०,००० रूपए तक का जुर्माना भी हो सकता है l

रजिस्टर न रखना, काम करवाने की समय-सीमा न तय करना और स्वास्थ्य व सुरक्षा सम्बन्धी अन्य उल्लंघनों के लिए भी इस कानून के तहत १ महीने तक की जेल और साथ ही १०,००० रूपए तक का जुर्माना भरने की सज़ा हो सकती है l यदि आरोपी ने पहली बार इस कानून के तहत कोई अपराध किया है तो केस का समाधान तय किया गया जुर्माना अदा करने से भी किया जा सकता है l

बाल श्रम के दुष्परिणाम & कारण

इस क़ानून के अलावा और भी ऐसे अधिनियम हैं (जैसे की फैक्ट्रीज अधिनियम, खान अधिनियम, शिपिंग अधिनियम , मोटर परिवहन श्रमिक अधिनियम इत्यादि ) जिनके तहत बच्चों को काम पर रखने के लिए सज़ा का प्रावधान है, पर बाल मज़दूरी करवाने के अपराध के लिए अभियोजन बाल मज़दूर कानून के तहत ही होगा l

इस कानून के तहत संरक्षित किये गए बच्चों के साथ क्या होता है ?

इस क़ानून का उल्लंघन करने वाली परिस्थितियों से जिन बच्चों को बचाया जाता है उनका नए कानून के तहत पुनर्वास किया जाना चाहिए l ऐसे बच्चे जिन्हें देख-भाल और सुरक्षा की आवश्यकता है, उन पर किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल एवं सुरक्षा) अधिनियम २०१५ लागू होता है l

क्या बच्चों का पारिवारिक व्यवसाय में काम करना क़ानूनी है ?

हाँ, १४ वर्ष से कम आयु के बच्चों को पारिवारिक व्यवसाय में नियोजित किया जा सकता हैl ऐसे व्यापार जिनका संचालन किसी करीबी रिश्तेदार (माता, पिता, भाई या बहन) या दूर के रिश्तेदार (पिता की बहन और भाई, या माँ के बहन और भाई) द्वारा किया जाता है, वह इस परिभाषा में शामिल हैं l

यह सुनिश्चित करना ज़रूरी है कि पारिवारिक व्यापार इस क़ानून के तहत परिभाषित खतरनाक प्रक्रिया या पदार्थ से जुड़ा न हो l ऊर्जा/बिजली उत्पादन से जुड़े उद्योग, खान, विस्फोटक पदार्थों से जुड़े उद्योग इस परिभाषा में शामिल हैं l खतरनाक व्यवसाय एवं प्रक्रिया की परिभाषा में सभी शामिल व्यवसायों की सूची यहाँ पढ़ें l

हालाँकि बच्चे पारिवारिक व्यवसाय में सहयोग दे सकते हैं, यह सुनिश्चित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है कि इससे उनकी पढ़ाई पर कोई असर न पड़े, इस हेतु उन्हें स्कूल से आने के बाद या छुट्टियों में ही काम करना चाहिए l

क्या माता-पिता/अभिभावकों को अपने बच्चों को काम करने की अनुमति देने के लिए दंडित किया जा सकता है?

सामान्यतः बच्चों के माता-पिता /अभिभावकों को अपने बच्चों को इस कानून के विरुद्ध काम करने की अनुमति देने के लिए सज़ा नहीं दी जा सकती है परन्तु यदि किसी १४ वर्ष से कम आयु के बच्चे को व्यावसायिक उद्देश्य से काम करवाया जाता है या फिर किसी १४-१८ वर्ष की आयु के बच्चे को किसी खतरनाक व्यवसाय या प्रक्रिया में काम करवाया जाता है तो यह प्रतिरक्षा लागू नहीं होती और उन्हें सज़ा दी जा सकती है l क़ानून उन्हें अपनी भूल सुधारने का एक अवसर देता है, यदि वह ऐसा करते हुए पहली बार पकड़े जाते हैं तो वह इसे समाधान/समझौते की प्रक्रिया से निपटा सकते हैं, पर यदि वह फिर से अपने बच्चे को इस क़ानून का उल्लंघन करते हुए काम करवाते हैं तो उन्हें १०,००० रूपए तक का जुर्माना हो सकता है l

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