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मेरी प्रिय मित्र पर निबंध : “My Best Friend” Essay in Hindi

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What is Friendship in Hindi? Mere Priya Mitra Par Nibandh in Hindi

मित्रता बड़ा अनमोल रत्न है, सच्चा मित्र ईश्वर का वरदान है |

दो या दो से अधिक लोगों के बीच में मित्रता एक दैवीय रिश्ता है। दोस्ती का दूसरा नाम ध्यान रखना और सहायता करना है। ये भरोसे, एहसास और एक-दूसरे के प्रति बराबर समझ पर आधारित है। दो या दो से अधिक सामाजिक लोगों के बीच में ये बहुत साधारण और निष्ठावान रिश्ता है। जो लोग सच्ची दोस्ती करते हैं वो बिना किसी प्रकार के लालच के दूसरे मित्र का ध्यान रखते हैं और सहायता करते हैं। परवाह और भरोसे से दिनों-दिन दोस्ती और मजबूत होने लगती है।

बिना एक दूसरे को अपना दंभ और ताकत दिखाये दोस्त एक-दूसरे पर भरोसा और सहायता करते हैं। उनको अपने दिमाग में न्याय का एहसास रहता है और जानते हैं कि किसी भी समय किसी को भी ध्यान और सहायता की ज़रुरत पड़ सकती है। लंबे समय तक दोस्ती को बनाये रखने के लिये समर्पण और भरोसे की बहुत ज़रुरत होती है। ढेर सारी मांगों और संतुष्टि की कमी की वजह से कुछ लोग दोस्ती को लंबे समय तक बनाए रखने में अक्षम होते हैं। कुछ लोग केवल अपनी जरुरतों और इच्छाओं की पूर्ति के लिये दोस्त बनाते हैं।

एक बड़ी भीड़ में एक अच्छा दोस्त ढूढंना कोयले के खदान में हीरा तलाशने के समान है। सच्चे दोस्त केवल वहीं नहीं होते जो अच्छे मौकों पर ही उपलब्ध हों बल्कि वो होते हैं जो बुरी परिस्थितियो में भी साथ खड़े रहें। हमें अपना सबसे अच्छा दोस्त चुनने में सावधान रहना चाहिये क्योंकि हम किसी से भी धोखा खा सकते हैं। जीवन में एक अच्छा साथी पाना बहुत मुश्किल कार्य है और अगर किसी को सच्चा साथी मिलता है तो उसपर प्रभु की सच्ची कृपा है। एक अच्छा मित्र हमेशा दोस्त के बुरे समय में उसकी सहायता करता है और सही राह पर चलने के लिये सलाह दिखाता है।

दोस्ती क्या है? मेरा प्रिय मित्र हिंदी में निबंध & Mere Priya Mitra Par Nibandh in Hindi

दोस्ती नाम है शरारत का, मुस्कुराहट का, उम्रभर की चाहत का। दोस्ती एक अहसास है, न भूल सको वो ख्वाब है। कभी यादों में, कभी ख्वाबों में, वो हर कहीं ‍मिल जाता है। कोई आए या ना आए, दोस्त हर मुसीबत में दौड़ा चला आता है। दोस्ती जुनून है, जिसे पाकर मिलता है असीम सुख। दोस्ती सुकून है, जो हमें हर तकलीफ से निज़ात दिलाता है। दु:ख की तपन में दोस्त शीतल बयार बन आता है। कभी छेड़छाड़, कभी इकरार, हर दिन की तकरार, मगर दिलों में है प्यार।

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मेरा अच्छा दोस्त पर निबंध – My Best Friend Essay in Hindi

‘मेरी प्रिय मित्र’ दीपिका है। वो एक बहुत अच्छी लड़की है। मेरे स्कूल और मोहल्ले के अनेक मित्र होने के बावजूद, मैं दीपिका को बहुत पसन्द करता हूँ, इसी कारण वह मेरी प्रिय मित्र है। दीपिका अति विनम्र और सरल स्वभाव की है।

दीपिका मेरे साथ मेरे ऑफिस मेँ काम करती है। अच्छी बात ये है कि उसकी कुर्सी भी मेरे पास ही लगी हुई है, उसके पिताजी एक आर्मी अफसर हैं। दीपिका अपने पैरो पर खुद दौड़ना चाहती है उसको Present में जीना जयादा अच्छा लगता है | दीपिका की आयु 28 वर्ष है उसके पिता उसकी शादी करवाना चाहते है लेकिन दीपिका को अभी अपनी लाइफ को और जीना है वो अभी और उड़ना चाहती है | अगर मैं उसकी तुलना अपने से करुँ तो मैं उससे 4 साल छोटा हूँ, पर फिर भी आज तक मैंने उसके साथ कभी भी अपने को छोटा महसूस नहीं किया | यहाँ तक की बहुत सी बातें मैं उससे सीखता रहता हूँ , उसको देखकर मैं अपने आप को motivate करता हूँ | अच्छाइयाँ उसके अंदर कूट कूट कर भरी पड़ी है | उसका व्यवहार थोड़ा शांत भी है और वो चुलबुली टाइप भी है | एक तरह से बोले तो ‘झल्ली’ है वो पूरी की पूरी | उसका मेरे पर गुस्सा होना मुझे बहुत अच्छा लगता है , दिल की बहुत साफ़ है दीपिका | जो बात मैंने कभी किसी से नहीं कही , मतलब कि जो बात कहने में मुझे हिचकिचाहट होती है वो बात दीपिका बहुत अच्छे से बोल देती है | उसके अंदर आत्मविश्वास बहुत ज्यादा है जो की उसको बहुत आगे ले जाने में उसकी मदद करेगा | उसको देख कर लगता है कि लड़कियों के लिए motivation है वो | ऐसा लगता है मानो कि डरना उसको आता ही नहीं है | दीपिका की माताजी एक ग्रहणी हैं। वे अति मधुर और स्नेहशील महिला हैँ। दीपिका के परिवार मेँ उसके माता-पिता के अतिरिक्त दो छोटी बहिन और एक बड़ा भाई भी है। हम दोनों की एक दूसरे से बहुत लड़ाई भी होती है क्योकि किसी ने सही कहा है कि लड़ाई वह होती है जहाँ दर्द होता है और दर्द वह होता है जहाँ एक दूसरे में प्यार होता है | लड़ाई के कुछ समय बाद हम फिर से दोस्त बन जाते है | मै कभी भी उसको अकेला नहीं छोड़ता हूँ जब भी उसको मेरी जरुरत होती है मैं हमेशा उसके साथ रहता हूँ और वो मेरे साथ रहती है | बहुत से लोग तो हमारी इस प्यारी दोस्ती को देख कर बहुत जलते है , पर मुझे उन लोगो से कोई फर्क नहीं पड़ता है क्योंकि जब तक मेरी प्यारी दोस्त दीपिका मेरे साथ है | मैं उसको कभी नहीं भूल पाउँगा | मुझे अपने प्रिय मित्र दीपिका पर गर्व है।

कुछ पंक्तिया में दीपिका के लिये लिखना चाहूँगा

मैंने जितना भी वक़्त तुम्हारे साथ बिताया है, या बिता रहा हूँ,
वो पल मेरी ज़िन्दगी के बेहतरीन लम्हें हैं, मैं उनको हमेशा संभाल कर रखूँगा,
और तुम्हें और उन पलों को हमेशा याद रखूँगा और तुम्हें याद करूँगा |

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